इन्हे मिलेगा लाइसेंस
गत वर्ष 2023-24 में जिन अफीम लाइसेंसधारी किसानों की फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है, उन सभी किसानों को लेसिंग पद्धति के माध्यम से अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिराई) वाला लाइसेंस मिलेगा।जूते चुराई में सालियों ने मांगे 11 हजार तो दूल्हे ने रख दी बुलेट की डिमांड, फिर दुल्हन पहुंची थाने
ऐसे काश्तकार जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान पोस्त भूसा उत्पादन के लिए अफीम खेती की, जिन्होंने तोल केन्द्र पर पोस्त भूसा प्रस्तुत किया तथा जिनकी औसत उपज 900 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर या उससे अधिक थी, उनको भी अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिराई) वाला लाइसेंस मिलेगा। वहीं, ऐसे किसान जिन्होंने फसल वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान नारकोटिक्स विभाग की देखरेख में फसल की हंकाई कर दी, लेकिन वर्ष 2020-21 में फसल को नहीं हांका गया, वे किसान भी पात्र होंगे।किसानों के लिए आफत बनी ये खेती, फफूंद के कारण काट दिए 800 पौधे, पहले नेपाल-जम्मू तक होती थी कमाई
वर्ष 2028-29 तक प्रभावी
जो काश्तकार इस नीति में पहली बार सीपीएस पद्धति के लिए खेती के पात्र हो गए हैं, उन्हें आगामी 5 वर्षों के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जो कि फसल वर्ष 2024-25 से जारी होकर फसल वर्ष 2028-29 तक प्रभावी रहेंगे।ऑनलाइन होंगे अपलोड
पात्र काश्तकारों के नाम सीबीएन वेबसाइट और सीबीएन ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे तथा उन्हें मोबाइल नंबर पर संबंधित संदेश, मेल आदि माध्यमों से सूचित किया जाएगा। किसानों द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने फिर एक बार किसान हितैषी अफीम पॉलिसी को जारी किया है।सीपी जोशी, सांसद, चित्तौड़गढ़