तलवंडी निवासी दृष्टिबाधित राजेश गौतम करीब 45 बार रक्तदान कर चुके है। उनका मानना है कि रक्तदान को लेकर समाज में जागरूकता आए। मानवता के नाते लोगों की सेवा हो सके और लोगों का जीवन बच सके। यहीं उनका उद्देश्य है।
अतुल विजय व पत्नी हेमा विजय वर्ष में दो बार रक्तदान करने की परम्परा को वर्षों से निभा रहे है। वैवाहिक वर्षगांठ पर रक्तदान करना नहीं भूलते है। अतुल डीसीएम कंपनी में कार्यरत है, और हेमा गृहिणी है। अब तक वे 13 बार जोड़े से रक्तदान कर चुके है।
जवाहर नगर निवासी रिचा कर्मचंदानी अपने जन्मदिन पर 11 बार रक्तदान कर चुकी है। पति हरिश कर्मचंदानी की प्रेरणा से वह रक्तदान करती है। उनका मनना है कि परिवार में रक्तदान के सेवा के संस्कार बड़ों से ही मिलते है। इससे अगली पीढ़ी में भी सेवा का पोषण होता है।
हार्ट अटैक, हिमोग्लोबिन 12 से कम होना, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग, डायबिटिज, बीपी, स्किन डिजिज, अस्थमा अटैक या किसी ऑपरेशन से गुजरा हो।