12वीं पास शबाना वर्ष 2003 में कोटा ग्रामीण पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुई थी। नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी और ऊर्दू विषय में ग्रेजुएशन किया। सायबर क्राइम के बढ़ते मामले देख शबाना ने पीजीडीसी किया और बाद में कम्प्यूटर साइंस में एमएससी की। वर्तमान में शबाना एसीबी में डेपूटेशन पर पदस्थापित है। पहले दो बार एसआई परीक्षा दी, लेकिन किन्हीं कारणों से सलेक्शन नहीं हो सका। तीसरे प्रयास में उन्होंने ऑल ऑवर 40वीं रेंक व महिला वर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
ग्रामीण पुलिस की कांस्टेबल आशमीन की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। आशमीन भी 12वीं पास कर कांस्टेबल पद पर भर्ती हुई। साथ ही स्वयं को मार्शल आर्ट में पारंगत किया। इसके बाद उन्होंने शहर के अधिकांश स्कूलों में छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी। एसआई की परीक्षा की तैयारी की और ऑल ऑवर 134वीं रेंक व महिला वर्ग में 8वीं स्थान प्राप्त किया।
कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने बताया कि दोनों महिला पुलिसकर्मी हुनरमंद है। दोनों ने नौकरी के साथ साथ अपने आप को अलग फील्ड में दक्ष किया है। हम चाहते है कि अन्य जवान भी अपने आप को ऐसे स्कील्स में दक्ष करें जो पुलिस और समाज के बेहतर काम आ सके। उन्होंने कहा कि पुलिस जवान ड्यूटी के अतिरिक्त भी कई समाज सेवा के काम कर रहे है। ग्रामीण पुलिस में ऐसे जवानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा और उनका हौंसला बढ़ाया जाएगा।