एसओजी ने 11 अभ्यर्थी सहित 17 को किया गिरफ्तार, अब खुलेंगे कई बड़े राज
माइनिंग पिट में भरेगा पानी, डंपिंग पहाड़ पर बनेगी सोलर एनर्जी
पम्प स्टोरेज प्लांट एक प्रकार का हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा भंडारण है। यह अलग-अलग ऊंचाई पर दो जल भंडारों का विन्यास है। माइनिंग क्षेत्र में अलग-अलग ऊंचाई पर बने गहरे गड्ढों में ये जल भंडार बनाए जा सकते हैं। यह विन्यास एक टनल से गुजरते हुए एक से दूसरे में पानी के नीचे जाने (डिस्चार्ज) के दौरान बिजली पैदा करेंगे। इस पूरे सिस्टम को बिजली की भी आवश्यकता होती है। क्योंकि यह पानी को वापस ऊपरी जलाशय (रिजर्वायर) में पंप करता है। इसके लिए खनन क्षेत्र में माइनिंग वेस्ट से बने पहाड़ों पर सोलर पार्क विकसित किए जा सकते हैं।पत्रिका की खबरों पर संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने यह कहा था…
राजस्थान हाईकोर्ट ने पंप स्टोरेज के लिए 1.19 लाख पेड़ों की अगले पंद्रह दिनों तक कटाई नहीं करने के केंद्र और राज्य के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए निर्देश दिए थे कि यह आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा। न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचारों पर स्व प्रेरणा से संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसमें यह सुझाव मांगा गया कि 1.19 लाख पेड़ों को कैसे बचाया जा सकता है और क्या कोई वैकल्पिक भूमि उपलब्ध है, जहां यह परियोजना शुरू की जा सकती है।कोयला आधारित बिजलीघरों की जरूरत खत्म करेंगे पम्पड स्टोरेज प्लांट
सौर ऊर्जा का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन चुनौती यह है कि सूर्यास्त के बाद इसका उत्पादन नहीं हो पाता। दूसरा, पवन ऊर्जा का उत्पादन भी कुछ महीनों में ही हो पाता है। ऐसे में पम्पड स्टोरेज प्लांट तेजी से बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के हिसाब से कम कीमत पर न्यूनतम रखरखाव वाला ऊर्जा भंडारण का ठोस तरीका है। यह कोयला आधारित बिजलीघरों की जरूरत भी खत्म कर सकते हैं।एक्सपर्ट व्यू : जंगलों को बचाएगी जंगलों को उजाड़ कर बनी खदानें
जलवायु परिवर्तन से बढ़ती मौसम की चरम घटनाओं के बाद इन दिनों हर कोई पेड़ और जंगलों की सलामती की लिए गंभीर है। दुर्भाग्य है कि जहां भी इन पम्पड स्टोरेज प्लांटों की स्थापना की जानी है, वहां घने जंगल हैं। इन संयंत्रों की स्थापना के लिए सैकड़ों हेक्टेयर जमीन की जरूरत होती है।– डॉ. सुधीर गुप्ता, संयोजक, ‘हम लोग’