अच्छी खबरः मुकुंदरा को आबाद करने के लिए एनटीसीए ने भी दी हरी झंडी
दो हेक्टेयर में बनेंगे एनक्लोजर रणथंभौर से लाए गए बाघ को मुकुंदरा में बसाने के लिए यहां दो हेक्टेयर में एक एनक्लोजर बनाया जाएगा। यह दो हिस्सों में बंटा होगा। रणथंभौर से आने वाले बाघ को पहले इस एनक्लोजर में छोड़ा जाएगा और 20-22 दिन बाद इसे खुले में निकाला जाएगा। जब यह बाघ यहां के माहौल में ढ़ल जाएगा तब दो बाघिन लाई जाएंगी। जंगलों में मवेशियों की चराई की समस्या को लेकर रेड्डी ने कहा कि बोराबास के पास करीब 12 हजार बीघा जमीन मवेशियों के लिए सुरक्षित रहेगी। उन्होंने सेल्जर के पास बनाए जा रहे एनक्लॉजर व अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण किया और वन कर्मियों तथा अधिकारियों से चर्चा कर सुझाव भी दिए।राजस्थान के पर्यटन की उखड़ती सांसों को मोदी ने दी ऑक्सीजन
रेडियो कॉलर से होगी निगरानी मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा पर वन विभाग खासा गंभीर है। रणथंभौर से लाए जाने वाले सभी बाघों के खुले में छोड़ने से पहले रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे, ताकि उस पर 24 घंटे निगरानी रखी जा सके। जवाहर सागर बांध से देवझर महादेव तक का बफर जोन बनाने की भी योजना है।आरटीडीसी होटल में लगी आग, गोदाम हुआ खाक
सुरक्षा दीवार बने पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक रविंद्र सिंह तोमर ने बाघों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ब्रोकेन टेल की तरह कहीं रणथंभौर के बाघ भी ट्रेन और रोड़ पर वाहनों की चपेट में ना आ जाएं इसीलिए कोटा-डाबी रोड व बून्दी टनल से सथूर तक अण्डरपास और सुरक्षा दीवार निर्माण किया जाए। जिस पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने शीघ्र कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। इस दौरान पूर्व मंत्री भरतसिंह, पूर्व वन अधिकारी वीके सालवन, मुकंदरा वन संरक्षक सेडूराम यादव, कोटा उपवन संरक्षक ललित सिंह राणावत और मुख्य वन संरक्षक घनश्याम शर्मा समेत कई वन्य जीव प्रेमी मौजूद रहे।