जानकारी के अनुसार, कोटा थर्मल पावर स्टेशन की तीसरी इकाई में टरबाइन के रोटर में खराबी आ गई थी। बीएचईएल हरिद्वार की टीम ने यहां आकर इसे दुरस्त करने का प्रयास किया था, लेकिन कोरोना की वजह से टीम के उच्च अधिकारी व कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। उसके बाद दिल्ली में किसानों का आंदोलन शुरू हो गया। ट्रकों के नहीं चलने से टरबाइन के भारी भरकम रोटर को नहीं ला सके। इसके चलते इसका काम रोक दिया था, लेकिन जुलाई में वापस संक्रमण कम होने के कारण इसका काम वापस से शुरू किया गया। वर्तमान में रोटर लगाने का अंतिम कार्य किया जा रहा है।
इनका यह कहना थर्मल की तीसरी इकाई को सिंक्रोनाइज किया जा रहा है। कोविड गाइडलाइन व किसान आंदोलन के कारण इसकी टरबाइन का रोटर हरिद्वार से कोटा पहुंचने में थोड़ी देरी हो गई। इस कारण 31 जुलाई तक लोड डिस्पेच सेंटर से लोड टेस्टिंग की अनुमति ली जाएगी।
वीके गोलानी, मुख्य अभियंता, कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन