राजीव गांधी भवन में आग लगने के कारणों की जांच शुरू हुई
कोटा उत्तर नगर निगम भवन में रेकॉर्ड जलने के मामले की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। इस समित ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने किन-किन अधिकारियों से संबंधित दस्तावेज रेकॉर्ड कक्ष में थे, उनसे इसकी सूचना मांगी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या-क्या दस्तावेज जले हैं।
कोटा. राजीव गांधी भवन स्थित कोटा उत्तर नगर निगम के जन स्वास्थ्य कार्यालय में आग लगने की घटना के तीसरे दिन सोमवार को जांच शुरू हो गई। यह बात भी सामने आई है कि नगर निगम में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम के उपकरण नहीं होने के कारण आग बुझाने में मदद नहीं मिली और दमकल बुलाकर आग बुझानी पड़ी। फायर फाइटिंग सिस्टम के कुछ उपकरण चोरी होने के डर से उन्हें खोलकर सुरक्षित जगह रख दिया था। जांच रिपोर्ट में इस विषय को भी शामिल किया जाएगा। महापौर मंजू मेहरा ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक जसवीर मीना के नेतृत्व में बनाई जांच समिति में कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण निगम के स्वास्थ्य अधिकारी, दोनों निगमों के सहायक विद्युत अभियंता और अग्निशमन अधिकारियों को शामिल किया है। यह जांच कमेटी सात दिन में रिपोर्ट देगी। अब से हर माह आग से बचाव के इंतजाम जांचे जाएंगे और नियमित मॉकड्रिल की जाएगी। इसके अलावा निगम भवन में लगे उपकरणों की जांच की जाएगी। उपाधीक्षक जसवीर मीना ने बताया कि जिस कक्ष में आग लगी उसमें किन-किन अधिकारियों से संबंधित दस्तावेज थे, उनसे इसकी सूचना मांगी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या-क्या दस्तावेज जले हैं।
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