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ऐसे तैयार की है प्रवीण ने बताया कि मशीन को बनाने में उन्होंने 40 साल पुराना फ्रिज काम में लिया। इसके अलावा एक गत्ते का घेरा बनाकर चूजों को रखने के लिए बू्रडर तैयार किया। इसमें कुछ दिन के लिए चूजों को रखा जाएगा। हालांकि सुवालका ने यह बताने में अनभिज्ञता जाहिर की है कि यह मशीन किस सिद्धांत पर कार्य करती है, कितना तापमान होता है, लेकिन इतना बताया कि अंडे से बच्चा पैदा होने में जो फैक्टर कार्य करता है, वह मशीन कर देती है।
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सांप अजगर बत्तख के भी
प्रवीण बताते हैं कि मशीन से सिर्फ मुर्गी के ही अंडों से चूजों की प्राप्ति नहीं होती, अजगर, सर्प, बत्तख, चील, मोर व अन्य पक्षियों के अण्डों से भी चूजे प्राप्त किए जा सकेंगे।
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इसलिए उपयोगी अण्डों से बच्चा पैदा होने में कई बार अण्डे नष्ट जो जाते हैं। अधिक सर्दी, गर्मी व बारिश में भी कई बार अंडे खराब हो जाते हैं। इस मशीन से 90 से 95 फीसदी अंडों से चूजे तैयार हो जाते हैं। बाजार में इस तरह का प्लांट लगाने के लिए मोटी रकम की आवश्यकता होती है। वहीं इस मशीन को 15 से 20 हजार रुपए के खर्च में लगाया जा सकता है। मशीन मुर्गीपालन में काफी उपयोगी हो सकती है। मशीन एक साथ 90 अंडों से बच्चे तक निकाल सकती है।
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पशुपालन विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक वी के सिंह का कहना है की प्लांट लगाने में काफी लागत आती है। इसमें 95 फीसदी अंडों से चूजे निकलते हैं। मशीन को इन्क्यूबेटर कहा जाता है। कोटा में निश्चित रूप से इन्क्यूबेटर नहीं है, लेकिन राजस्थान में अजमेर एक अण्डा व्यवसायी के पास है, वहीं सम्बन्धित सरकारी विभागों में यह मशीन उपलब्ध हो जाती है। मशीन में आवश्यकता अनुसार तापमान रखा जाता है। मुर्गी का टेम्प्रेचर फारेनाइट 106 से 107 रहता है