कोटा कोचिंग हब होने के कारण देशभर से लाखों विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते हैं। पढ़ाई समेत अन्य पारिवारिक कारणों से वे अक्सर तनाव में रहते हैं। कई बच्चे सुसाइड भी कर चुके हैं। बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार ने बजट घोषणा में जयपुर, जोधपुर और कोटा सेन्टर की घोषणा की थी। कोटा राजस्थान का पहला शहर रहा, जिसमें साइकोलॉजिकल सेन्टर की सेवा शुरू की गई थी। 10 सितम्बर 2023 को सेंटर खोला था। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक काउंसलिंग सेंटर चलता है। इस सेंटर को खुले एक साल हो गया। इसका उद्देश्य छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोकथाम लगाना है। इसमें क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट रहते हैं। यदि कोई बच्चा तनाव में है तो यहां आकर सम्पर्क कर सकता है। कोचिंग संस्थान भी ऐसे बच्चों को यहां भिजवा सकते हैं। उन्हें काउंसलिंग के साथ उपचार भी मिलेगा। एक साल में करीब 60 केस सामने आ चुके हैं।
कुछ स्टूडेंट छोटे कस्बों से आते हैं। वहां वे पढ़ाई-लिखाई में टॉप में रहते हैं, लेकिन यहां आकर उन्हें उच्च प्रतिस्पर्द्धां का माहौल देखने को मिलता है। वह यहां अन्य स्टूडेंट्स से पिछड़ जाते हैं। कई बार वह श्रेष्ठ बनने की कोशिश करते हैं। जब कोशिश पूरी नहीं होती तो स्टूडेंट का अहसास होने लगता है कि उसका चयन नहीं होगा। उसमें हीन भावना आने लगती है, फिर चिंता, उदासीनता बढ़ती जाती है। ऐसे में वह कई बार गलत कदम उठा लेता है। ऐसे में काउंसलिंग सेंटर पढ़ाई व पारिवारिक तनाव को दूर करने में मददगार साबित हो रहा है।