आपके लिए भूल जाना ही बेहतर होगा उज्जवला को…. हादसे में ढहे पायलॉन (पिलर) संख्या चार का निर्माण पूरा करने के बाद चम्बल नदी पर केबल (स्पाइन) के सहारे पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। नदी के दोनों और खड़े खंभों पर 13-13 केबल लगाई जा चुकी हैं।
रात पौने एक बजे कांग्रेस नेता को जबरन अनशन से उठाया गुजरात से लेकर आसाम तक देश के सात राज्यों को जोडऩे वाले 3300 किमी लंबे ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण कार्य आखिरी चरण में है। इस कॉरिडोर में चम्बल नदी पर 700 मीटर लम्बा देश का तीसरा हैंगिंग ब्रिज बनाया जा रहा है। इसका करीब 350 मीटर का हिस्सा नदी के ऊपर से गुजरेगा। ब्रिज का यह हिस्सा मोटी केबलों पर टंगा होगा। इसे साधने के लिए पुल को दोनों ओर 85-85 मीटर लम्बे पिलर खड़े किए गए हैं।
सड़कों पर मवेशियों की लड़ाई में टूटे हाथ ये तो 6 साल पहले ही बन गया था लेकिन… नया गांव की ओर बने पिलर (पायलॉन-5) का निर्माण छह साल पहले ही पूरा हो गया था, लेकिन नान्ता की ओर बन रहे पिलर (पायलॉन-4) का निर्माण 24 दिसम्बर 2009 को गिरने के बाद दोबारा किया गया। अप्रेल 2015 से ब्रिज निर्माण की सारी जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के बाद निर्माण कंपनी हुंडई तेजी से काम पूरा करने में जुटी है।
सालभर पहले हुआ था विवाह, ऐसा क्या हुआ कि विवाहिता ने कर ली खुदकुशी दोनों ओर 20-20 केबल के सहारे बनेगा ब्रिज नदी के दोनों ओर खड़े खंभों पर बीस-बीस केबल के सहारे पुल बनाया जाना है। इसमें से अब तक 13-13 केबल लगाने और उसके सहारे पुल बनाने का काम पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि नदी के ऊपर करीब पचास मीटर पुल बनाया जाना बाकी है। इस काम को अगले चार महीने में पूरा करने की उम्मीद है।
Public Governance: किसानों की दशा में सुधार के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए? हमें बताएं कार्ययोजना के मुताबिक सारा काम तय समय पर पूरा हो रहा है। मई 2017 तक निर्माण कार्य पूरा कर हैंगिंग ब्रिज को चालू करने की तैयारी में जुटे हैं।
मुकेश कुमार जैन, मुख्य महाप्रबंधक, एनएचएआई, राजस्थान