अलसुबह से सूर्यास्त तक बजरी खनन
चंबल नदी से अवैध रूप से बजरी खनन की सूचना पर अलसुबह पत्रिका टीम दुर्गम कच्चे रास्तों से रंगपुर स्थित नदी के तट पर पहुंची तो यहां चार नावों में आठ-दस लोग सवार होकर नदी में उतारने की तैयारी कर रहे थे। यहां चार-पांच ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी कर रखी थी। नदी से बजरी निकालने के लिए विशेष तरह का औजार लेकर लोग नावों में सवार होकर गहराई तक पहुंच गए और बजरी निकालना शुरू किया। यहां अलसुबह से शाम सात बजे तक धड़ल्ले से बजरी निकाली जाती है। फिर बजरी नाव में भरकर किनारे तक लाई जाती है और यहां से ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर सप्लाई की जाती है।इन क्षेत्रों में निकाली जाती है बजरी
नाव में बैठकर नदी पारकर बूंदी जिले की सीमा में पहुंचे तो अभयारण्य क्षेत्र में बजरी खनन किया जा रहा था। बजरी का परिवहन कोटा में किया जा रहा था। चंबल से सटा होने के कारण बजरी से भरी ट्रॉलियों को सुल्तानपुर इलाके से निकाला जा रहा था।राजस्थान में बजरी माफिया पुलिस को ऐसे दे रहे चकमा, निकाला ये नया तरीका; जानकर चौंक जाएंगे आप
आरके खैरवा, संभागीय मुख्य वन संरक्षक, कोटा से सवाल-जवाबQ : चंबल नदी व घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में बजरी का अवैध खनन हो रहा है, रोकने के क्या प्रयास हुए? सीसीएफ : अवैध खनन को रोकने के लिए विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अवैध खनन क्षेत्रों को चिह्नित कर पिछले दिनों काफी कार्रवाई की है।