लैब टेक्नीशियन की हड़ताल से हॉस्पिटल में लड़खड़ाई व्यवस्था
ग्रामीण इलाकों में इलाज नहीं चिकित्सा विभाग के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक सुल्तानपुर में 6, कैथून व चेचट ब्लॉक में 5-5, सांगोद में 3 व इटावा में एक रोगी स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिला। जिनमें से चेचट व सुल्तानपुर में 3-3 और कैथून में एक रोगी की मौत हुई। जबकि कोटा शहर के पुराने इलाके भीमगंजमंडी में सर्वाधिक 19 लोग इस बीमारी की चपेट में आए। जबकि बोरखेड़ा में 18, महावीर नगर में 12 व कुन्हाड़ी क्षेत्र में 10 रोगी पॉजीटिव मिले हैं। जिनमें से विज्ञान नगर में 2, दादाबाड़ी, पुलिस लाइन, तलवंडी, गोविंद नगर, सकतपुरा और रंगबाड़ी इलाके में 1-1 मरीज की मौत हो गई।
सेफ्टी से जुड़े 1.60 लाख पद पड़े हैं खाली, कैसे रुकेंगे रेल हादसे
डेंगू ने भी खूब डराया स्वाइन फ्लू के साथ ही कोटा में डेंगू का डंक भी लोगों को खूब डरा रहा है। कोटा में अब तक डेंगू के 304 मरीज सामने आ चुके हैं। जिनमें से एक की मौत भी हो चुकी है। डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा शहर क्षेत्र के डीसीएम इलाके में दिखाई दे रहा है। यहां अब तक 55 लोग डेंगू का शिकार हो चुके हैं। जबकि भीमगंजमंडी में 36, नयापुरा में 28, कुन्हाड़ी में 27, बापू बस्ती में 19, विज्ञान नगर में 13 और गोविंद नगर व छावनी में 11-11 लोग डेंगू की चपेट में आए। सफाई के मामले में गांवों के हालात भले ही कितने भी खराब क्यों ना हों, लेकिन अभी तक 5 ब्लॉक में सिर्फ 35 लोग ही डेंगू की चपेट में आए हैं।