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कोटा डिपो के कंडक्टरों में अफसरों के खिलाफ रोष, चहेते परिचालक बैठे हैं दफ्तरों में बाकी कर रहे लगातार ड्यूटी

राजस्थान रोडवेज के कोटा डिपो में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

कोटाSep 23, 2017 / 02:58 pm

​Vineet singh

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कोटा डिपो में अफसरों के चहेते परिचालक कर रहे मौज

राजस्थान रोडवेज के कोटा डिपो में अफसरों के चहेते परिचालक बसों की बजाय दफ्तरों में ड्यूटी देकर मौज कर रहे हैं। कोटा डिपो के अफसरों ने बिना किसी आदेश के इन परिचालकों की ड्यूटी ऑफिस में लगा रखी है। ऐसे में परिचालकों की कमी होने के कारण लम्बे रूट की बसों पर चलने वाले कंडक्टरों को लगातार ड्यूटी देनी पड़ रही है।
कोटा डिपो के परिचालक अल्ला रक्खा href="https://www.patrika.com/topic/jaipur/" target="_blank" rel="noopener">जयपुर से बस लेकर हर रोज शाम 4.30 बजे कोटा डिपो पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें ढ़ाई घंटे बाद फिर दोबारा जयपुर के लिए रवाना कर दिया जाता है। आराम की तो छोड़िए अल्ला रक्खा कई बार तो घर तक नहीं जा पाते। कोटा डिपो के वह अकेले कंडक्टर नहीं हैं जिसे रेस्ट दिए बिना लगातार ड्यूटी करवाई जा रही हो। परिचालक नवीन सुबह 11 बजे जयपुर से कोटा आते हैं और दोपहर 1 बजे फिर उन्हें href="https://www.patrika.com/topic/Ajmer/" target="_blank" rel="noopener">अजमेर लगा दिया जाता है। नवीन बताते हैं कि लगातार ड्यूटी लगाए जाने से उनके दिन रात बस में ही गुजर रहे हैं। परिचालक हबीब रहमान का भी कुछ ऐसा ही हाल है। वह दोपहर 12.30 बजे href="https://www.patrika.com/topic/Udaipur/" target="_blank" rel="noopener">उदयपुर से कोटा आते हैं और दोपहर1.30 बजे उन्हें फिर से उदयपुर के लिए भेज दिया जाता है।
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परिचालकों की कमी का बहाना

राजस्थान रोडवेज के कोटा डिपो में परिचालकों की ड्यूटी लगाने में अफसरों की मनमानी हद पार करने लगी है। अफसरों से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने डिपो में परिचालकों की कमी का बहाना बनाते हुए कहा कि स्टाफ कम होने और लोड ज्यादा होने के कारण लगातार ड्यूटी लगानी पड़ रही है। जबकि परिचालकों का कहना है कि स्टॉफ की कोई कमी की बजाय अफसरों की नीयत में खोट है। एक तरफ तो आला अफसर परिचालकों की कमी बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करीब दर्जन भर परिचालकों को बसों से हटाकर दफ्तर में बिठा दिया गया है। वह भी बिना किसी आदेश के।
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दफ्तर में चल रही है इनकी बस

परिचालकों की कमी होने के बावजूद कोटा डिपो के अफसरों ने करीब दर्जन भर परिचालकों की ड्यूटी दफ्तर में लगा रखी है। परिचालक अनिल जैन को ट्रॉफिक मैनेजर कार्यालय, पंकज अरोड़ा को नयापुरा बुंकिग, हरीश कुमारी को पुलिस वारंट बनाने में और रविप्रताप सिंह को टाइम सेक्शन कार्यालय में तैनात कर रखा है। बड़ी बात यह है कि इन लोगों से बिना किसी आदेश के ही डिपो में कार्य करवाया जा रहा है।
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विरोध करने पर मिलती है धमकी

राजस्थान रोडवेज के नियमानुसार परिचालक की ड्यूटी ऑफ होने के बाद उसे अगले दिन ही ड्यूटी दी जा सकती है, लेकिन कोटा डिपो में अधिकारी अपने चहेतों को आराम देने के बदले बाकी को परेशान करने में जुटे हैं। जब कोई परिचालक अफसरों की इस मनमानी का विरोध करता है तो उसे धमकिया दी जाती हैं। गुरुवार को जब परिचालक राधा किशन मीणा जयपुर से दोपहर 2.30 बजे कोटा आकर घर जाने लगे तो ड्यूटी ऑफिसर ने उन्हें फिर से 3.30 बजे ड्यूटी पर भेज दिया। राधा किशन ने जब इसका विरोध किया तो डिपो के अधिकारियों ने उनकी बस को केंसिल करने की धमकी दे डाली।

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