आशा पारीक के हत्यारों को हुई उम्रकैद, कोटा की एडीजे कोर्ट ने सुनाई सजा
परिचालकों की कमी का बहाना राजस्थान रोडवेज के कोटा डिपो में परिचालकों की ड्यूटी लगाने में अफसरों की मनमानी हद पार करने लगी है। अफसरों से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने डिपो में परिचालकों की कमी का बहाना बनाते हुए कहा कि स्टाफ कम होने और लोड ज्यादा होने के कारण लगातार ड्यूटी लगानी पड़ रही है। जबकि परिचालकों का कहना है कि स्टॉफ की कोई कमी की बजाय अफसरों की नीयत में खोट है। एक तरफ तो आला अफसर परिचालकों की कमी बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करीब दर्जन भर परिचालकों को बसों से हटाकर दफ्तर में बिठा दिया गया है। वह भी बिना किसी आदेश के।
Shardiya Navratri: आशापूरा मां के इस मंदिर में बनी थी रावण से युद्ध करने की रणनीति
दफ्तर में चल रही है इनकी बस परिचालकों की कमी होने के बावजूद कोटा डिपो के अफसरों ने करीब दर्जन भर परिचालकों की ड्यूटी दफ्तर में लगा रखी है। परिचालक अनिल जैन को ट्रॉफिक मैनेजर कार्यालय, पंकज अरोड़ा को नयापुरा बुंकिग, हरीश कुमारी को पुलिस वारंट बनाने में और रविप्रताप सिंह को टाइम सेक्शन कार्यालय में तैनात कर रखा है। बड़ी बात यह है कि इन लोगों से बिना किसी आदेश के ही डिपो में कार्य करवाया जा रहा है।
लड़कियों को बीएड इंटर्नशिप करनी है तो 100 किमी दूर पढ़ाने जाओ
विरोध करने पर मिलती है धमकी राजस्थान रोडवेज के नियमानुसार परिचालक की ड्यूटी ऑफ होने के बाद उसे अगले दिन ही ड्यूटी दी जा सकती है, लेकिन कोटा डिपो में अधिकारी अपने चहेतों को आराम देने के बदले बाकी को परेशान करने में जुटे हैं। जब कोई परिचालक अफसरों की इस मनमानी का विरोध करता है तो उसे धमकिया दी जाती हैं। गुरुवार को जब परिचालक राधा किशन मीणा जयपुर से दोपहर 2.30 बजे कोटा आकर घर जाने लगे तो ड्यूटी ऑफिसर ने उन्हें फिर से 3.30 बजे ड्यूटी पर भेज दिया। राधा किशन ने जब इसका विरोध किया तो डिपो के अधिकारियों ने उनकी बस को केंसिल करने की धमकी दे डाली।