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ऐप पर छूट, कैब में लूट: पुलिस और प्रशासन कृपया ध्यान दें…यह कोचिंग सिटी की छवि का मामला है…

सबसे ज्यादा दिक्कत ऑफिस टाइमिंग पर आती है। सुबह-शाम पीक अवर्स में कोई राइड एक्सेप्ट नहीं करता और अगर कर लेता है तो एक्स्ट्रा अमाउंट की डिमांड करता है।

कोटाOct 07, 2024 / 04:37 pm

Akshita Deora

Kota News: कोचिंग सिटी में कैब बुकिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन यूजर्स को कई बार अवैध वसूली की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। रोजाना कई स्टूडेंट्स इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें समय पर कोचिंग पहुंचना होता है और इधर राइडर ज्यादा पैसों की डिमांड करता है। एग्जाम टाइम में तो समय और भी कम होता है तो मुंह मांगे चार्ज देने पड़ते हैं। एक कैब ड्राइवर के अनुसार, एक दिन की 25-30 राइड आती है, जिसकी संया दिन-ब-दिन बढ़ रही है। राइड बढ़ने के बावजूद कई कैब राइडर एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर अवैध वसूली कर कोचिंग सिटी की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। स्टूडेंट्स ने बताया कि ऐसा नहीं है कि हर राइडर अवैध वसूली कर रहे हैं, लेकिन हर दो दिन में एक राइडर से इस कारण बहस करनी पड़ती है।

ऑफिस टाइमिंग में आती है सबसे ज्यादा दिक्कत

कस्टमर्स का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत ऑफिस टाइमिंग पर आती है। सुबह-शाम पीक अवर्स में कोई राइड एक्सेप्ट नहीं करता और अगर कर लेता है तो एक्स्ट्रा अमाउंट की डिमांड करता है।
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ऑनलाइन कैब में ऑफलाइन सवारियां

ऑनलाइन बुक हुई ऑटो कैब में कुछ ड्राइवर ऑफलाइन सवारियां तक बैठा रहे हैं। जगह-जगह रोककर चलाने से समय बढ़ जाता है, जिससे ऑनलाइन चार्जेज ज्यादा दिखाने लगता है। मना करने पर कम अमाउंट का कहकर झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में सवारियों को हाथों-हाथ कोई समाधान नहीं मिल पाता।

ड्राइवर बोला-ऐप में अमाउंट कम दिखाता है…

कैब ड्राइवर राहुल का कहना था, ‘हमें भी अपनी गाड़ी का खर्च निकालना होता है। ऐप में अमाउंट कम दिखाता है। हमें इतने कम पैसों में ले जाने में नुकसान होता है। इसलिए हमें थोड़ा एक्स्ट्रा चार्ज लेना पड़ता है। हम यूजर्स को पहले ही बता देते हैं कि कितना चार्ज लगेगा।’

कैब में किचकिच, हेल्पलाइन पर भी नहीं मिल रही हेल्प

इन सभी समस्याओं से सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। कस्टमर्स का कहना है कि शहर में इनका कोई ऑफिस नहीं है और ऑनलाइन कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा। पात्रिका संवाददाता ने जब कैब कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना चाहा तो कई कॉल और काफी वेटिंग के बाद बात हुई। हेल्पलाइन कर्मचारी ने ऐसी समस्या से इनकार किया। वरिष्ठ अधिकारी के नबर मांगे तो भी देने से मना कर दिया। अगले दिन हेल्पलाइन पर दोबारा कॉल किया तो कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव ने कहा कि आधे घंटे बाद कॉल बैक करने को कहा और कॉल काट दिया। फिर दोबारा कॉल नहीं आया।
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इन तीन मामलों से समझें एक्स्ट्रा चार्ज और कैंसलेशन की कहानी

केस 1: बारां के स्टूडेंट मोहित ने बताया कि वह कोटा परीक्षा देने आया था और सेंटर तक पहुंचने के लिए कैब बुक की। राइडर ने उससे ऐप में दिखा रहे 70 रुपए के बजाय 200 रुपये मांगे। मना किया तो आधे रास्ते में उतरने को कहा। फिर कुछ देर माथापच्ची के बाद 50 रुपए कम करके 150 रुपए लिए।
केस 2: कोटा की अंजलि ने बताया कि उसे डकनिया से कोटा स्टेशन तक जाना था। जिसमें ऑनलाइन चार्ज 120 आ रहा था, लेकिन एक्स्ट्रा अमाउंट लेकर 150 में बात तय हुई। फिर भी ऑटो वाले ने रास्ते में 5 सवारियां और बैठा ली। मना करने पर कहने लगे कि ऐप में बहुत कम अमाउंट दिखाता है। इतने में कैसे काम चलेगा…।
केस 3: कोटा के राजा शर्मा का कहना है कि एक दिन बाइक बुक की। लोकेशन पर आकर राइडर ने एक्स्ट्रा चार्ज मांगे। मना किया तो उन्होंने कहा कैंसिल कर दो। कैंसिल करने पर कैंसलेशन चार्ज जुड़ गया। दोबारा बुक करने पर उसी के पास राइड गई और फिर उसने कैंसिल नहीं करके मुझे कैंसिल करने को कहा।

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