46 सीटों के बहुमत का आंकड़ा करना होगा पार
भाजपा खेमे में नई सरकार के गठन को लेकर हलचल साफ तौर पर देखी जा रही है। 90 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 46 सीटों के बहुमत का आंकड़ा पार करना होगा। लेकिन लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा की ओर से विधानसभा के लिए पांच लोगों को नॉमिनेट किये जाने के बाद विधायकों की कुल संख्या 95 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 48 हो जाएगा। ऐसे में भाजपा सत्ता हासिल करने के लिए तमाम विकल्पों पर विचार कर रही है। जम्मू संभाग बीजेपी को 32 से 35 सीटें मिलने की उम्मीद
दरअसल भाजपा को उम्मीद है कि उसे जम्मू संभाग इलाके की 43 विधानसभा सीटों में से 32 से 35 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कश्मीर संभाग की 47 विधानसभी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन की भी भाजपा उम्मीद कर रही है। इसके साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। इसको लेकर भाजपा ने फील्डिंग सजानी शुरू कर दी है।
62 सीटों पर ही बीजेपी ने लड़ा चुनाव
बहुमत के दूर होने और सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने पर भाजपा की कोशिश निर्दलीय और छोटी पार्टियों से जीते विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करने का होगा। दरअसल जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने 62 सीटों पर ही चुनाव लड़ी है, बाकी 28 सीटों पर निर्दलीय और छोटे दलों को समर्थन किया था। ऐसे में भाजपा का यह दांव उसे सत्ता का मजबूत दावेदार बना सकता है।
निर्देलियों और बागी उम्मीदवारों को साधने की कोशिश
भाजपा दूसरे दलों, निर्दलियों और बागी उम्मीदवारों को साधने की कोशिश तभी करेगी, जब उसे सरकार बनाने के आसार नजर आएंगे। वहीं जम्मू कश्मीर एलजी के द्वारा नामित किए जाने वाले पांच विधायक सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। मनोनीत सदस्य निर्वाचित विधायकों के बराबर काम करते हैं और उन्हें वोटिंग का अधिकार होता है। ऐसे में इनकी भूमिका किंगमेकर की हो सकती है।
सरकार गठन से पहले विधायकों के मनोनयन पर विवाद
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले पांच विधायकों के मनोनयन पर पहले ही कड़ा विरोध जताया है और ऐसे किसी भी कदम को लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला बताया है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान हुआ है। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।