हाड़ौती में स्क्रब टायफस, डेंगू व स्वाइन फ्लू कहर बरपा रहा है। लगातार मौतों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी स्क्रब टायफस व डेंगू से एक युवक व स्वाइन फ्लू से दो महिलाओं की मौत हो गई है। मृतकों में बूंदी, झालावाड़ व रामगंजमंडी निवासी महिला शामिल हैं। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बूंदी जिले के बरुंधन निवासी युवक को २ सितम्बर को एमबीएस हॉस्पिटल के मेडिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसकी स्क्रब टायफस व डेंगू की जांच कराई गई। जिसमें पॉजीटिव रिपोर्ट आई, लेकिन मंगलवार को शाम 4 बजे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं बारां जिले की एक महिला भी स्क्रब टायफस से पीडि़त मिली है। ये भी एमबीएस में भर्ती है।
स्वाइन फ्लू से दो की मौत झालावाड़ जिले के कनवासा पंचायत समिति की टुंगनी निवासी 25 वर्षीय महिला और चेचट ब्लॉक के चन्द्रपुरा गांव निवासी 45 वर्षीय महिला को झालावाड़ एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके स्वाब की
कोटा में जांच की गई। जिसमें वे स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिली। दोनों की उपचार के दौरान मंगलवार को मौत हो गई। कोटा संभाग में डेंगू व स्वाइन फ्लू के मामले बराबर सामने आ रहे है। प्रतिदिन करीब 7 से 8 मरीज रोज आ रहे है। मंगलवार को भी स्वाइन फ्लू के 8मामले सामने आए। इनमें कोटा के 5, झालावाड़ 2 व बूंदी का 1 रोगी शामिल है। डेंगू के 10 रोगियों में कोटा में 7, बारां, झालावाड़ व सवाई माधोपुर का 1-1 रोगी शामिल है।
आखिर कौन करें वेन्टिलेटरों का संचालन! एमबीएस हॉस्पिटल में मंगलवार को अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी ने खराब वेन्टिलेटरों के मामले में मेडिसिन आईसीयू, न्यूरोलॉजी, स्ट्रॉक यूनिट, एनेस्थिसिया विभागों के एचओडी व नर्सिंग प्रभारियों की बैठक ली। बैठक में मेडिसिन आईसीयू में वेन्टिलेटरों के संचालन को लेकर विभागाध्यक्षों में जमकर खींचतान हुई। एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष एससी दुलारा ने कहा कि उनका काम ऑपरेशन थियेटरों में ही मरीजों को वेंटिलेटर लगाने का है। मेडिसिन में मेडिसिन विभागाध्यक्ष व उनकी टीम यह काम देंखे। जिस पर मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निर्मल शर्मा का कहना था कि मेडिसिन विभाग का काम आईसीयू में मरीजों का इलाज का है। वेन्टिलेटरों की लगाने का काम एनेस्थिसिया का है। हालांकि अस्पताल अधीक्षक के दखल के बाद आपसी सहमति से कार्य करने की बात कही।