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जागरुकता और अनदेखी के कारण पसरी गन्दगी ‘शहर स्वच्छ, तो हम स्वस्थ’ अभियान के तहत राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को विभिन्न इलाकों में पड़ताल की तो दोनों ही तस्वीरें दिखीं, सफाई के प्रति जागरुकता और अनदेखी के कारण पसरी गन्दगी। निगम की जिम्मेदार टीम कहीं मुस्तैदी से काम करती नजर आई तो कहीं कमियां-खामियां भी दिखीं। शहर पूरी तरह साफ रहे, इसके लिए जरूरी है कि हाथ से हाथ मिलें। हर हाथ सफाई के लिए उठे, गन्दगी फैलाने के लिए नहीं।समोसे खा रहा था कंपाउंडर, केनुला बदलने को कहा तो फोड़ दिया तीमारदार का सिर
दिखती है यह स्थिति भी कचरा संग्रहण के लिए घर के बाहर तक वाहन आ रहे हैं लेकिन कई लोग अब भी महज आलस के कारण उनमें कचरा नहीं डाल रहे। ऐसे लोग बाद में मुंह छुपाकर कचरा डिपो या खाली भूखण्डों में कचरा फेंकते हैं। बाहरी इलाकों में ऐसा ज्यादा हो रहा है। कई व्यापारियों ने प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग बंद नहीं किया है। इनमें ज्यादातर थड़ी-ठेले वाले शामिल हैं। चोरी-छुपे पॉलीथिन में सामान दे रहे हैं। कई जगह लोग खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) में सहयोग नहीं कर रहे, खुले में शौच जा रहे हैं। खासकर डीसीएम क्षेत्र, अनन्तपुरा क्रेशर बस्ती, बालिता समेत कई बस्तियों में ऐसा हो रहा है।OMG: 15 दिन की जान पहचान में छोडा सात जन्मों का बंधन
एक नजर इधर भी शहरी आबादी में डेयरी प्रतिबंधित है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में गाय, भैंस को घरों में बांधा जा रहा है। इन्हें सुबह होते ही सड़क पर खुला छोड़ देते हैं जिनसे सड़क पर गंदगी फैल रही है। उद्यानों में जाने वाले कई लोग गंदगी फैला रहे हैं, जबकि वहां कचरा पात्र रखे हुए हैं। कई लोग तो अपने पालतू जानवरों को भी उद्यान में ला रहे हैं। वहीं गंदगी की जा रही है। समस्या यह भी आ रही है कि स्थाई सफाईकर्मी निर्धारित कॉलोनियों में हर दिन सफाई नहीं कर रहे।शिक्षकों की सरकार में राठौड़ बने अध्यक्ष व मेहरा हुए उपाध्यक्ष
स्वच्छता की दिशा में ये नजीर शहर के वार्ड 22, 39, 53 व 54 में घर-घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था कर रखी है। यहां हुपर रिक्शा लेकर आता है। लोग घरों से बाहर निकलकर कचरा रिक्शे में डाल देते हैं। शहर के इंदिरा विहार, राजीव नगर समेत कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद सफाई नहीं है। छावनी चौराहे पर फ्लाइओवर के नीचे आदर्श कचरा पाइंट विकसित किया गया है। निजी कोचिंग की ओर से आधुनिक डस्टबिन रखे और बैठने के लिए बैंच भी लगाई।मुकुन्दरा हिल्स में बाघों को बसाने से पहले स्टेडिग कमेटी ने लिया जायजा
बाजार से समाज तक, बढ़ रही जागरूकताअब लोग घर का कचरा डस्टबिन में एकत्र करते हैं, फिर निर्धारित कचरा पात्र या कचरा परिवहन वाहन में डालते हैं। दो कचरा पात्र रखकर कचरे का पृथक्करण भी कर रहे हैं। यानी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करते हैं ताकि कचरे का भी आसानी से उपयोग हो सके। चारदीवारी में व्यापारी इस पर बेहतर काम कर रहे हैं। पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह वर्जित। कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पर पॉलीथिन प्रतिबंध के बैनर-स्लोगन लगा दिए हैं। लोगों से कपड़े का थैला लाने के लिए कहते हैं।