700 करोड़ खर्च होंगे तब पर्यटकों को लुभाएगा चम्बल रिवरफ्रंट
प्रोजेक्ट में घाटों के साथ अब साहित्य चौक और पुस्तकालय को भी जोड़ा गया है। पुस्तकालय में साहित्यकारों की रचनाएं पढऩे को मिलेगी एवं साहित्य चौक में प्रतिष्ठित साहित्यकारों की मूर्तियां लगाई जाएंगी। योग एवं आध्यात्मिक चौक भी बनाया जाएगा।
कोटा. चम्बल रिवरफ्रंट पर अब 300 करोड़ की जगह अब 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कोटा. चम्बल रिवरफ्रंट पर अब 300 करोड़ की जगह अब 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नगर विकास न्यास ने पहले चरण में करीब 300 करोड़ रुपए के कार्यादेश जारी किए थे। इसके बाद 300 करोड़ रुपए के कार्यों की निविदा प्रक्रिया चल रही है। इनके अलावा 100 करोड़ रुपए के भी अन्य कार्य होंगे। इस प्रोजेक्ट पर करीब 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां बन रहे घाट केवल बाढ़ नियंत्रण का ही कार्य नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें हेरिटेज लुक दिया जाएगा। घाटों के साथ अब साहित्य चौक और पुस्तकालय को भी जोड़ा गया है। पुस्तकालय में साहित्यकारों की रचनाएं पढऩे को मिलेगी एवं साहित्य चौक में प्रतिष्ठित साहित्यकारों की मूर्तियां लगाई जाएंगी। योग एवं आध्यात्मिक चौक भी बनाया जाएगा। चंबल नदी के किनारे बैराज से लेकर नयापुरा पुलिया तक रिवरफ्रंट योजना में करीब 6 किलोमीटर में हेरिटेज लुक के साथ मुगल गार्डन की तर्ज पर खूबसूरत पर्यटक स्थल बनाया जाएगा। इसके बीच के नालों को डायवर्ट कर अलग से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना कर उसमें डाला जाएगा। हाल ही में नगर विकास न्यास के विशेषाधिकारी आर.डी. मीना, मुख्य अभियंता ओ.पी.वर्मा और प्रोजेक्ट के वास्तुकार अनूप भरतिया ने कार्य स्थल का निरीक्षण किया। मुख्य अभियंता ओ.पी. वर्मा ने बताया कि परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अभी यहां करीब 700 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि चंबल रिवरफ्रंट कोटा का सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली जगह होगी। इसे साबरमति रिवरफ्रंट से भी ज्यादा सुंदर बनाएंगे। कोटा के सेवन वंडर्स में आने वाले पर्यटक पहले चंबल रिवरफ्रंट देखने जाएंगे। यह प्रोजेक्ट कोटा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम में कोटा बैराज से रिवरफ्रंट विकसित किया जा रहा है।
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