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ध्यान व साधना कार्यक्रम की शुरुआत में बड़ी संख्या में मौजूद साधकों ने समूह साधना की। लोगों ने गायत्री महामंत्र का मन ही मन देर तक जाप किया। फिर ध्यान योग का दौर शुरू हुआ, यह देर तक चला। बाद में एक साथ 251 कुंडों पर साधक जमा हुए और मंत्रों की गूंज, भजनों की बयार के बीच महायज्ञ में आहुतियां दी।
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दीक्षा व शिक्षा संस्कार महायज्ञ के समापन पर दीक्षा व शिक्षा समेत अन्य संस्कार भी हुए। सह संयोजक हेमराज पांचाल ने बताया कि 65 साधकों ने गायत्री मंत्र ? की दीक्षा ली। 11 के पुंसवन संस्कार कराए गए। इसके अलावा 11 का यज्ञोपवित, 5 का विद्यारंभ व 5 का मुंडन संस्कार हुआ। कार्यक्रम में गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जी डी पटेल, जिला समन्वयक चतुर्भुज जोशी, सह संयोजक रामकिशन सुमन, ट्रस्टी आदित्य विजय समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।