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9 हजार चिकित्सकों ने दिया इस्तीफा डॉ. सैनी ने बताया कि राज्य से 9 हजार सेवारत चिकित्सकों के सामूहिक त्याग पत्र प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। सेवारत चिकित्सक जेल जाने से लेकर किसी भी कार्रवाई के लिए पूर्णरूप से तैयार हैं। 6 वर्षों से अपना पक्ष रखते आ रहे हैं। 3 माह से असहयोग आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि ऑल राजस्थान रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के संयोजक डॉ. राजवीर सिंह ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने बात कही है।
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कोटा में ये है स्थिति कोटा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 39, सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 13, डिस्पेन्सरी 12, जिला अस्पताल रामपुरा, मोबाइल सर्जिकल यूनिट, ईएसआई अस्पताल, महाराव भीमसिंह चिकित्सालय, जेके लोन, न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल आदि में कुल 247 सेवारत चिकित्सक कार्यरत हैं। संभाग में 640 सेवारत चिकित्सक हैं। उनके अवकाश पर जाने से व्यवस्था बिगड़ सकती है। कोटा जिले से अभी तक 240 चिकित्सक अपने इस्तीफे सौंप चुके हैं। दो दिन बाद इनके सामूहिक हड़ताल पर जाने की वजह से पहले से ही भयावह हालत से गुजर रहे कोटा की चिकित्सीय व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप होने की आशंका है।
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भयावह हो जाएंगे हालात कोटा में बीमारियां पहले से ही मौत का तांड़व मचा रही हैं। डेंगू, स्क्रब टायफस और स्वाइन फ्लू अब तक 91 लोगों की जान ले चुके हैं। मौसम बदलने के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं। सरकार मरीजों को इलाज मुहैया कराने के बजाय आंकड़ों में उलझ कर रह गई है। हालात यह हैं कि मरीजों को मौत के बाद टेस्ट रिपोर्ट मिल पा रही हैं। ऐसे में यदि सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर चले गए तो हालात और भी ज्यादा भयावह होने की आशंका है।