विशिष्ट लोक अभियोजक विजय कुमार कछावाहा ने बताया कि आरोपी कोटा हाल बंदी केंद्रीय कारागृह कोटा राजस्थान के विरुद्ध परिवार की ही बालिका से बलात्कार के आरोप में शहर की एक थाना पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने मामले में निर्णय देते हुए आरोपी को दोषी करार दिया और धारा 376 एबी आईपीसी में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5 (एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 14 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपए जुर्माना] धारा (एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 14 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
प्रकरण के अनुसार बालिका पढ़ाई के लिए अपनी बहन के पास कोटा आ गई। बहन के मकान में दो कमरे थे। एक में बहन व जीजा सोते थे। जबकि दूसरे कमरे में बहन का ससुर, सास व पीडि़ता बालिका सौती थी। रात को बहन के ससुर उसके साथ गलत हरकत करता था। एक दिन बहन के ससुर ने उसके साथ गलत काम किया। पीडि़ता ने ये बात स्कूल में उसकी टीचर को बताई। वहां से पीडि़ता की बड़ी बहन को बुलाया गया और पूरी बात बताई। उसके बाद बहन उसे अपने पास सुलाने लगी। लेकिन एक दिन मौका पाकर बहन के ससुर ने फिर से गलत हरकत की। उसने फिर ये बात टीचर को बताई तो टीचर ने चाइल्ड लाइन को फोन किया। चाइल्ड लाइन की सदस्य उसे लेकर पुलिस स्टेशन ले गई और प्रकरण दर्ज कराया। इस मामले में आरोपी को सजा से दंडित किया है।