शनिवार को जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने हार्टवाइज के संरक्षक डॉ. साकेत गोयल व टीम के साथ यह किट लांच किया। इसे सामाजिक, शैक्षणिक, अध्यात्मिक व व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से शहर के 30 हजार परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन स्कूलों में हार्टवाइज के साथ मिलकर सीपीआर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाएगा। संयोजक डॉ. गोयल ने बताया कि उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है। दवाओं की समाप्ति तिथि के बाद इस किट को रिप्लेस भी किया जा सकेगा।
हर घर में होना चाहिए यह किट : कलक्टर
इस अवसर पर जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने कहा- मैं एक चिकित्सक भी हूं, इसलिए इस किट की उपयोगिता समझता हूं। जानकारी के अभाव में कई मौतें हो जाती हैं। हर घर में यह किट होना चाहिए। मेरा सुझाव है कि हर घर में एक निर्धारित स्थान भी होना चाहिए जहां किट मौजूद रहे और हर सदस्य को इसका पता हो। किट में यह दवाइयां
1.डिस्प्रिन : यह तेजी से अवशोषित होती है। प्लेटलेट एकत्रीकरण रोकती है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, सीने में तेज दर्द के 4 घंटे में सेवन से यूएस की आबादी में सालाना 13 हजार लोगों की जान बच सकती है।
2.एटोरवास्टेटिन : कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हार्ट अटैक के शुरुआती दौर में इस दवा का महत्व।
- आइसॉर्डिल : हृदय में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाकर सीने के दर्द से राहत देता है। इसे तभी दिया जाना चाहिए जब मरीज का बीपी सामान्य हो।
इन लक्षणों में जरा भी देरी ना करें…
सीने के बीच या बाईं ओर तेज दर्द या दबाव महसूस हो।
पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द। जलन या भारीपन। अचानक सांस लेने में परेशानी। बिना किसी शारीरिक परिश्रम के ठंडा पसीना आना। अचानक और अत्यधिक थकावट या कमजोरी। (कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. साकेत गोयल के अनुसार, यह किट एक सामाजिक उद्देश्य का हिस्सा है, निर्णायक उपचार नहीं है।)