CG Forest Land: जंगल बचाने एकजुट होकर डीएफओ के पास पहुंचीं महिलाएं, बोलीं- अब शुरु करेंगे सत्याग्रह
CG Forest Land: महिलाओं का आरोप कि संरक्षित वन क्षेत्र की जमीन को प्रशासन ने आंख मूंद व नियमों को दरकिनार कर जारी कर दिया है पट्टा, कई बार अवगत कराने के बाद भी नहीं दिया जा रहा ध्यान
पोड़ी बचरा। CG Forest Land: Koria जिले के उप वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत जिल्दा की महिलाएं जंगल बचाने की गुहार लेकर डीएफओ कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोग जंगल की जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अतिक्रमित वन भूमि (CG Forest Land) को कब्जा मुक्त कराने की मांग उन्होंने की। उन्होंने कहा कि जंगल बचाने के लिए ग्रामीणों ने अब जंगल सत्याग्रह करने की तैयारी शुरू करेंगे। आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए जिल्दा के सैकड़ों ग्रामीण, महिला ने कलेक्ट्रेट एवं वनमंडलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई।
महिलाओं के साथ भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष धर्मवती राजवाड़े, जिला पंचायत सदस्य चुन्नी पैकरा मौजूद रहीं। महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष चंदा यादव ने बताया कि संरक्षित वन क्षेत्र (Protected forest areas) की जमीन को प्रशासन ने आंख मूंद कर नियमों को दरकिनार कर पट्टा जारी किया है।
इस ओर पिछले कई सालों से लगातार जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जांच के नाम पर वन विभाग के अधिकारी (Forest officers) आते हैं, रेकॉर्ड मिलान करते हैं और चले जाते हैं। मंती यादव एवं जयप्रकाश सिंह ने कहा कि जांच का यह खेल देख कर ग्रामीणों का विश्वास अब खत्म होने लगा है।
हम सब जंगल बचाने की मांग कर रहे हैं। उसके बाद भी प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए हम सबको मजबूर हो कर आंदोलन करने का निर्णय लेना पड़ा है।
इससे पहले बैठक में एकत्र महिलाओं ने भी मामले को लेकर खुल कर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि एक ओर वन विभाग के अधिकारी संरक्षित जंगल बता रहे हैं।
वहीं अतिक्रमणकारी हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर जंगल को खेत में बदल चुके हैं। अगर प्रशासन की ओर से जंगल में किए गए अतिक्रमण (Encroachment on forest land) को हटाने के लिए जल्द कार्रवाई नहीं होगी तो अपने बच्चों के साथ वे जंगल में डेरा डालेंगी।
ग्राम पंचायत जिल्दा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया है कि संरक्षित वन 658 में कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह वन क्षेत्र घने पेड़ों से आच्छादित था, लेकिन जमीन पर कब्जा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से संरक्षित जंगल के पेड़ों की अवैध कटाई (Forest cutting) कर खेत में बदल दिया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस जमीन के रेर्कार्ड (CG Forest Land) में भी हेरफेर किया गया है। जिल्दा में अवैध अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टा दूसरे जमीन का दिया गया है, जिसे उन्होंने संरक्षित वन क्षेत्र में कब्जा कर रखा है। इस अतिक्रमित वन भूमि को मुक्त करा नए सिरे से पौधारोपण कर जंगल के रूप में विकसित करना जरूरी है।
फर्जी पट्टे व अवैध कब्जे की मिली है शिकायत
खडग़वां रेंजर अर्जुन सिंह का कहना है कि फर्जी पट्टा एवं जंगल में अवैध कब्जा (CG Forest Land) को लेकर शिकायत मिली है। अभी हमने लगभग 140 फाइलों की जांच की है और पट्टा प्राप्त व्यक्तियों के पट्टा की जांच की जा रही है। गलत जानकारी देकर पट्टा प्राप्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर पट्टा निरस्त कर वनभूमि से बेदखल किया जाएगा।
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