लोलकी गांव का नाम-नक्शा सरकारी रेकॉर्ड में ढूंढ रहे ग्रामीण सोनहत के ग्राम पंचायत कछाड़ी के आश्रित गांव लोलकी गांव 570 एकड़ एरिया में बसा है और 300 एकड़ में कृषि कर ग्रामीण जीवन यापन कर रहे हैं। यहां कुल 37 परिवार निवासरत हैं। बावजूद गांव की जमीन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। (Chhattisgarh assembly elections 2023) राजस्व और फॉरेस्ट के रेकॉर्ड में गांव का नक्शा नहीं है। जिससे ग्रामीणों को राजस्व पट्टा नहीं मिला है। ग्राम लोलकी की भूमि को 10 अक्टूबर 1967 में वन विभाग ने राजस्व को हस्तांतरित कर दिया , लेकिन राजस्व नक्शे में नहीं जोड़ा गया है।
अधिग्रहित जमीन का मुआवजा पाने 13 साल से भटक रहे 415 किसान विकासखंड भरतपुर(जनकपुर) से कोटाडोल तक 32 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2010 में किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। 13 साल बीतने के बाद भी किसानों को मुआवजा राशि 3.40 करोड़ नहीं मिली है। जिससे करीब 415 किसान कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
गांव में सड़क पानी बिजली कुछ भी नहीं 36 साल से बिजली खंभे सीना तान खड़े, लाइन नहीं खींची : सोनहत विकासखंड के ग्राम पंचायत बसेर में करीब 1200 मतदाता और 2000 जनसंख्या है। गांव को रौशन करने बिजली खंभे गड़ाए गए थे। जो करीब 36 साल से सीना ताने खड़े हैं, लेकिन बिजली लाइन नहीं खींच पाए हैं। हालाकि वैकल्पिक तौर पर सौर सिस्टम लगाए हैं, जो भगवान भरोसे चलते हैं। (Assembly Elections 2023) आश्रित ग्राम भरहीडीह में सड़क, पानी, बिजली कुछ भी नहीं है। गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। ग्रामीण कहते हैं सिर्फ चुनाव के समय नेता आते हैं और वायदा कर चले जाते हैं।
गांव तक पहुंचने सड़क नहीं, उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने की मजबूरी मनेंद्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सोनवर्षा के आश्रित ग्राम राधारमण नगर में पानी, बिजली, सड़क सहित बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। गांव की आबादी एक हैंडपंप के सहारे गुजरा करती है। 60 कार्डधारियों को राशन लेने 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। (CG vidhansabha chunav) ग्रामीण बुधराम सिंह, रामजीत, रघुवर सिंह, बृजेश कुमार कहते हैं, बारिश के मौसम में भारी परेशानी होती है। शासन की योजना में सबसे अच्छी चावल वितरण है। जो गरीबों व ग्रामीणों को हर महीने समय पर मिलता है। वहीं पीएम आवास, धान खरीदी भी अच्छी योजना है।