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ये हैं मामला
पुलिस विभाग की वाहन शाखा द्वारा वाहनों को ईंधन देने सम्बन्धी दस्तावेज बनाये जाते हैं। इसमें गडबडी की शिकायते ये दिन आती रहती हैं लेकिन इस बार 20 लाख रुपये घोटाला सामने आया है। जिसमें खड़ी गाड़ियों के नाम से भी डीजल पर्ची बनाये गए हैं। यही नहीं सरकारी वाहन के मरम्मत में भी ग़लत बिल लगाया गया है।
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चुनाव के दौरान भी गड़बड़ी
चुनाव के दौरान अधिग्रहित वाहन में भी गड़बड़ी की गयी है। पुलिस विभाग को पानी सप्लाई करने वाले टैंकर को किसी और चालक ने चलाया था लेकिन उसके लिए मिलने वाले डीजल की पर्ची रमेश साहू के नाम से बनाई गयी है। इसी तरह उसने खड़ी गाड़ियों के लिए भी डीजल की पर्ची बनकर धोखाधड़ी की है।
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यही नहीं गाड़ियों की मरम्मत के नाम पर भी खेल किया गया है। मिस्त्री से जानबूझकर ज्यादा रक़म का बिल बनवाया गया है। अब एडिशनल एसपी ने जांच शुरू कर दी है और दिसंबर 2018 से सितम्बर 2019 तक की डीजल पर्ची सहित पीओएल बिल व अन्य रिकार्ड खंगाल रहे हैं।
जांच अधिकारी पंकज शुक्ला ने बताया कि कुछ दिन पहले सिकायत प्राप्त हुई है जिसमे वाहन साखा में गड़बड़ी के आरोप लगाये गये हैं जिस पर जांच जारी है । हालाँकि जिसने शिकायत की है उसका नाम अबतक उजागर नहीं हो सका है ।