इस दौरान घर में माता-पिता नहीं थे। दोपहर करीब तीन से चार बजे के बीच अचानक बाउंड्रीवाल ढह गया। जिस समय बाउंड्रीवाल टूटा उसी के पास तीन बच्चे रूपेश, रितेश और रुकेश खेल रहे थे। तीनों बच्चे दीवार के मलबे में दब गए। चौथे भाई ने तीनों भाईयों को निकालने का प्रयास किया। आसपड़ोस में भी मदद के लिए बुलाया, लेकिन बारिश इतनी हो रही थी कि किसी को सुनाई नहीं दिया। वह भागते हुए मां के पास पहुंचा। मां सुबह से मक्के के खेत में काम कर रही थी। दौड़ते हुए मां घर पहुंची। घर पहुंचने के बाद मलबे को हटाया गया। इस पूरे दौर में करीब आधे घंटे से ज्यादा का समय निकल गया। तब तक तीनों ही बच्चे दम तोड़ चुके थे।
सोमवार को मौसम ने करवट ली। सुबह से दोपहर तक बादल छाए रहे। शाम को काली घटा छाई और फिर एक घंटे तक रिमझिम बारिश से शहर तरबतर हो गया। पाली विकासखंड में तेज बारिश हुई है। इसमें दीवार गिरने से बच्चों की मौत हुई।