एसपी ने दर्री के पूर्व सीएसपी को जांच का दायित्व सौंपा था। सीएसपी ने मामले की जांच की। हवलदार और सिपाही को आरोपों से बरी कर दिया। जांच पूरी कर फाइल बंद करने के लिए एसपी कार्यालय को सिफारिश कर दी। पूर्व एसपी ने सीएसपी की रिपोर्ट को आधार बनाकर केस को बंद कर दिया।
निष्पक्ष जांच नहीं होने पर महिला सिपाही ने कोर्ट की शरण की। कटघोरा की एक कोर्ट में परिवार दायर किया। मामले की सुनवाई चल रही थी। परिवाद पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपराध होना पाया है। कोर्ट ने दर्री थानेदार को सिपाही और हवलदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354 (घ), 341, 294/34 केस दर्जकर जांच का आदेश दिया है। कोर्ट का आदेश दर्री थाना पहुंच गया है।
आदेश में कोर्ट ने पुलिस को केस दर्जकर जांच करते हुए 29 नवंबर तक क्लोजर रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है। पुलिस का कहना है हवलदार और सिपाही के खिलाफ जल्द केस दर्जकर विवेचना में लिया जाएगा। हवलदार एनटीपीपी के कृष्णा विहार स्थित कॉलोनी में रहता है। सिपाही दूसरे स्थान पर रहता है। घटना भी लगभग एक साल पहले एनटीपीसी की कृष्णा विहार कॉलोनी में हुई थी।