इधर नोटिस देने के बाद विभाग ने भी पल्ला झाड़ लिया है। विभाग का कहना है कि अगर वे खाली नहीं करते हैं तो हादसा हो जाता है तो इसके जिम्मेदार वे ही होंगे। इधर लगातार मकानों का छज्जा गिर रहा है। मकानों के पिलर इतने कमजोर हो गए हैं कई जगह से दरारे सामने आ चुके हैं। एक ब्लॉक में 12-12 मकान है। दबाव अधिक बनने पर मकान गिर सकते हैं।
बेरिकेटिंग तोड़ भाग रही स्कार्पियो को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा, तलाशी में निकला दो क्विंटल गांजा, दो गिरफ्तार खुद के कर्मियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया
खुद के कर्मियों को सीएसईबी प्रबंधन द्वारा दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था। 15 से 20 परिवार ऐसे थे जिनको बड़े मकान दिए गए हैं। जबकि कब्जाधारियों को उसी जगह पर छोड़ दिया गया है। कब्जाधारी मकान खाली करने को राजी नहीं है। जबकि विभाग का कहना है कि बारिश के बाद नवंबर में मकान खाली किए जाएंगे।
एनएफ के मकान जर्जर स्थिति में हो चुके हैं। उनकी मरम्मत अब नहीं की जा सकती। इसलिए मकानों को खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। कब्जाधारी मकान खाली करने को राजी नहीं है। ऐसे में कुछ हादसा होता है तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। एचयू कुरैशी, कार्यपालन यंत्री, संभाग तीन, सिविल विभाग