scriptCG Diarrhea: डायरिया का बढ़ रहा कहर… अस्पताल में संसाधन की कमी, 1 बिस्तर पर दो मरीजों का उपचार | Diarrhea spread due to drinking water from hand pump and well, lack of resources in hospital, treatment of two patients on one bed. Diarrhea is increasing… lack of resources in hospital, treatment of two patients on one bed. Diarrhea spread due to drinking water from hand pump and well, lack of resources in hospital, treatment of two patients on one bed. | Patrika News
कोरबा

CG Diarrhea: डायरिया का बढ़ रहा कहर… अस्पताल में संसाधन की कमी, 1 बिस्तर पर दो मरीजों का उपचार

CG Diarrhea: कोरबा जिले में डायरिया का मामले दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और मामले पर नजर रखी जा रही है।पानी की जांच के लिए लिया गया सेम्पल, प्रभावित इलाकों में स्कूलों में लगे नल से जल लेने दी जा रही समझाइश।

कोरबाAug 31, 2024 / 12:14 pm

Shradha Jaiswal

diarrhea
CG Diarrhea: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में डायरिया से पीड़ित ग्राम दौरीकलारी के 20 से 22 मरीज पाली के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं जबकि 7 मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। चैतमा के दर्रीमुड़ा, रैनपुर और गांधीनगर क्षेत्र में रहने वाले 12 मरीजों को कटघोरा व पाली के सरकारी अस्पताल में भर्ती ( CG Diarrhea ) किया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और मामले पर नजर रखी जा रही है।

CG Diarrhea: उल्टी और दस्त से पीड़ित मरीज मिल रहे..

CG Diarrhea: विकासखंड मुख्यालय पाली से दूर ग्राम पंचायत बक्साही के पास दौरीकलारी नाम का गांव है। इस गांव के लोग पीने के लिए हैंडपंप और कुआं के पानी का इस्तेमाल करते हैं। पिछले दो दिन से गांव में उल्टी और दस्त से प्रभावित मरीज मिल रहे थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में कैंप का आयोजन किया गया। ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की गई। अधिकांश ग्रामीणों ने उल्टी-दस्त की शिकायत की। उन्हें दवाईयां दी गई लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने पर एक-एक कर 20 से 22 मरीजों को पाली के सरकारी अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में भर्ती कर सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
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CG Diarrhea: डायरिया के मरीज उन्हीं घरों में पाए गए हैं जिस घर में कुआं व हैंडपंप के पानी का इस्तेमाल होता है..

मामला सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग ने पानी के उस स्त्रोत को बंद कर दिया है जहां से डायरिया प्रभावित लोग पानी पी रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि ग्रामीणों को पानी पीने के लिए एक हैंडपंप लगाया गया है। इसके बाजू में एक बड़ा गड्ढा है। यहां गोबर, पैरा कुट्टी और अन्य कचरे का ढेर लगा हुआ है। इसके बाजू में कुआं स्थित है। बारिश के दिन में गड्ढे में भरा गोबर और पैरा कुट्टी से बदबू आ रही है। आशंका है कि बारिश के पानी के साथ मिलकर गोबर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया कुआं और हैंडपंप तक पहुंच गई है।
इससे ग्रामीणों को उल्टी-दस्त हो रही है। विभाग ने इन दोनों ही जल स्त्रोतों को बंद कर दिया है और यहां से पानी का सेम्पल लेकर जांच के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लैब भेजा गया है। विभाग का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद सही जानकारी सामने आएगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डायरिया ( CG Diarrhea case) के मरीज उन्हीं घरों में पाए गए हैं जिस घर में कुआं व हैंडपंप के पानी का इस्तेमाल पीने के लिए किया जाता था।

लगाया शिविर

दौरीकलारी के अलावा डायरिया के मरीज चैतमा के रैनपुर, दर्रीमुड़ा और गांधीनगर में भी मिले हैं। यहां भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैंप लगाया गया है। स्वास्थ्य जांच कर दवाइयां दी जा रही है। अभी तक इन क्षेत्रों में डायरिया से पीड़ित 12 मरीजों को पाली और कटघोरा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया गया है। वहां इनका इलाज किया जा रहा है। ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच घर-घर पहुंचकर टीम कर रही है।
उन्हें साफ पानी पीने के लिए कहा जा रहा है साथ ही गर्म भोजन करने की सलाह दी जा रही है। इस क्षेत्र में डायरिया कहां से फैला यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन आशंका जताई गई है कि खेती-किसानी के दौरान खाना खाया। इसके पहले खेत में जमे पाने से हाथों को धोया और पीने के लिए कुएं के पानी का इस्तेमाल किया।
भादो के महीने में मौसमी बीमारी डायरिया ( CG Diarrhea ) ने पाली विकासखंड के दो गांव में दस्तक दे दी है। ग्राम पंचायत खैराडुबान के आश्रित गांव दौरीकलारी और ग्राम पंचायत चैतमा के करीब स्थित दर्रीमुड़ा, रैनपुर और गांधीनगर में उल्टी और दस्त से कुल 30 से अधिक लोग बीमार हैं।
स्थिति इतनी गंभीर है कि अस्पतालों में बेड की कमी पड़ गई है।एक बिस्तर पर दो-दो मरीजों को रखकर इलाज किया जा रहा है। इधर डायरिया के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित गांव में शिविर लगाना शुरू किया है। ग्रामीणों को दवाईयां दी जा रही है। साफ पानी पीने सलाह दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नहीं मिल रहा साफ पानी

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों को साफ पानी उपलब्ध हो सके इसके लिए कई योजनाएं जिले में चल रही है लेकिन इसका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है। जिन क्षेत्रों में डायरिया फैला है वहां के लोग आज भी कुआं और हैंडपंप के पानी पर निर्भर हैं।
यह स्थिति तब है जब केंद्र सरकार की ओर से हर एक ग्राम पंचायतों में साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए हर घर नल से पानी उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए कोरबा जिले में प्रशासन की ओर से भारी-भरकम राशि खर्च की गई है।
दौरीकलारी में उल्टी-दस्त से प्रभावित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। 20 से अधिक मरीजों को पाली के अस्पताल में भर्ती कर दवाइयां दी जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है। चैतमा क्षेत्र में जहां डायरिया के मरीज मिले हैं, वहां भी शिविर लगाया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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