मांग पूरी ना होता देख अनिश्चितकालिन काम बंद कर दिया गया है। ठेकेदारों के इस कदम से सारे निर्माण एजेंसियों में बैचेनी बढ़ गई है।
रविवार को कांट्रेक्टर एसोसिएशन की बैठक मेें कामबंद के निर्णय के बाद सोमवार को ठेकेदारों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर काम बंद की सूचना दी गई थी।
बुधवार से सारे ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया। शहर में जहां डेढ़ सौ करेाड़ के काम चल रहे हैं, वहीं जिले भर में कम से कम 500 करोड़ के काम निर्माणाधीन है। निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को ठेकेदारों की हड़ताल को अब तक हल्के में ले रहे थे। लेकिन बुधवार की सुबह से ही सारे ठेकेदारों ने एकजुटता दिखाते हुए काम बंद कर दिया। शहर में चल रहे सड़क, नाली, स्टेडियम, हॉस्टल, ऑडिटोरिएम, मंच सहित चल रहे कई काम पर अब ब्रेक लग गया है।
सुबह कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध पंाडे, निगम कांट्रेक्टर के अध्यक्ष असमल खान, संतोष खरे, विजय यादव सहित अधिक संख्या में ठेकेदारों ने शहर के हर छोटे- बडे प्रोजेक्ट के निर्माण स्थल पर पहुंचे।
अधिकांश जगह ठेकेदारेां ने काम पहले ही बंद कर दिया था। तो कुछ जगह एसोसिएशन के पहुंचने के बाद काम बंद कर दिया। सारे ठेकेदारेां ने जीएसटी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इसमें साथ दिया।
साफ-सफाई और संधारण के काम पर नहीं पड़ा असर– एक तरफ जहां निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है तो दूसरी तरफ संंधारण केे काम जैसे, पानी सप्लाई, स्ट्रीट लाइट, व पेयजल आपूर्ति पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है।
अन्य विभाग के भी संधारण का काम चलता रहा। हालंाकि इसमें ठेकेदारों के बीच भी विवाद है। कई जगह सफाई हुई तो कुछ जगह नहीं हो सकी। एसोसिएशन के पदाधिकारी इन ठेेकेदारों को मनाने में लगे हुए हैं।
कितने दिन काम बंद रहेगा, संशय की स्थिति-एक तरफ जहां बुधवार से सारे ठेकेदारों ने काम तो बंद कर दिया है, लेकिन उनके सामने अब कई तरह की परेशानी भी होने लगी है। दरअसल समय पर काम पूरा नहीं होने पर विभाग से पेनाल्टी भी इनपर लगेगी। लिहाजा बहुत ज्यादा दिन तक काम बंद करने पर संशय की स्थिति है। तो वहीं बारिश के समय वैसे भी बहुत ज्यादा काम बंद रहते हैं।