ग्रामीण और बस्तियों में निवास करने वाली महिलाएं इस झांसे में आ गई और बैंक से निकाला गया लोन
ठगी करने वाले दंपती को दे दिया। महिलाओं को भरोसे में लेने कुछ महीनों तक किस्त और मुनाफे की राशि प्रदाय की गई लेकिन अब ठगी करने वाले दंपती का मोबाइल स्वीच ऑफ है। महिलाओं को जैसे ही ठगी का पता चला उन्होंने एसपी से इसकी शिकायत की है, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
ये पूरा मामला
उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम नवापारा का है। यहां की महिलाओं ने एसपी से ठगी की शिकायत की है। एसपी को दिए लिखित आवेदन में दिया है। ठगी की शिकार आरती, अंशु बाई व अन्य महिलाओं अपने लिखित आवेदन में जिक्र किया है कि संजीव बरेठ और उसकी पत्नी सुमन बरेठ के द्वारा ग्रामीण कुटा बैंक, आरपीएल, बीएमएस, ग्राम शक्ति, अन्नपूर्णा और यूनिटी जैसे माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से ग्रामीण महिलाओं को लोन दिलवाया था। लगभग 200 महिलाओं को हजारों रुपए के छोटे-छोटे लोन दिलवाए गए। इस तरह से सभी महिलाओं को 46 लाख रुपए का लोन इन सभी माइक्रो फाइनेंस कंपनी मिला। लोन दिलवाने की पूरी प्रक्रिया में ठग दंपती ने समूह की महिलाओं की पूरी सहायता की। अपने सुपरविजन में प्रक्रिया को पूर्ण कराया। इसके बाद सुमन बरेठ द्वारा यह कहा गया कि लोन की राशि को फ्लोरा मैक्स स्कीम में लगाया जाएगा और जो लोन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से मिला है उसकी किस्त (
CG Fraud News) भी हमारे द्वारा की जाएगी। किस्त की राशि के अतिरिक्त 500 रुपए सभी महिलाओं को दी जाएगी। इस झांसे में आकर सभी महिलाओं ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी के माध्यम से जितनी भी लोन की राशि मिली थी वह सभी ठग दंपती के हवाले कर दिया।
पैसे लेकर ठग दंपती फरार
ग्राम नवापारा की महिलाओं ने जैसे ही माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लिए गए लोन की राशि को ठग दंपती संजीव और सुमन बरेठ के हवाले किया वे पूरी रकम को लेकर फरार हो गए। हालांकि एक-दो महीने तक महिलाओं को किस्त की राशि और अतिरिक्त रकम भी प्रदान की गई लेकिन अब ठग दंपती का मोबाइल फोन स्वीच ऑफ है और महिलाएं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। बडे़ पैमाने पर हुई इस ठगी की शिकायत एसपी से की है पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की भूमिका भी संदिग्ध
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने जो लोन लगभग 200 महिलाओं को दिया है लोन देने की इस प्रक्रिया में ठग दंपती महिलाओं के साथ थे और पूरी प्रक्रियाओं को पूर्ण कराया। अब जबकि
ठग दंपती फरार हो चुके हैं तब माइक्रो फाइनेंस कंपनियां ठगी की शिकार लोन लेने वाली महिलाओं पर किस्त चुकाने का दबाव बना रहे हैं और महिलाएं परेशान हैं। ऐसे में कहीं न कहीं माइक्रो फाइनेंस की भूमिका भी संदिग्ध है, यह भी पुलिस के लिए जांच का एक बिंदु हो सकता है।