CG Road Danger: संभलकर चलें, डेंजर प्वाइंट बन सकता है जानलेवा, सफर के दौरान सावधानी जरूरी
CG Road Danger: कोरबा में अक्सर सड़क हादसे होने के मामले सामने आते रहते है। जिसका कारण यह है कि शहर के भीतर और बाहर करीब दो दजर्न स्थान ऐसे हैं, जहां सड़क हादसे होते हैं। इस कारण इन स्थानों को डेंजर प्वाइंट कहा जाने लगा है। सफर के दौरान यहां सावधानी बेहद जरूरी है।
CG Road Danger: छत्तीसगढ़ के कोरबा में अक्सर सड़क हादसे होते ही रहते है। जब पुलिस यातायात नियमों की जानकारी दे रही है। लोगों से ट्रैफिक नियम को पालन करने के लिए अपील कर रही है। चालकों को समझाइस दे रही है। लेकिन शहर के भीतर और बाहर करीब दो दजर्न स्थान ऐसे हैं, जहां सड़क हादसे होते हैं। इस कारण इन स्थानों को डेंजर प्वाइंट कहा जाने लगा है। सफर के दौरान यहां सावधानी बेहद जरूरी है। थोड़ी चुक जीवन पर भारी पड़ सकती है।
●बायपास और मुड़ापार तिराहा: बायपास रोड पर यातायात का दबाव अधिक है। राताखार से शुरू होकर बायपास रोड ट्रांसपोर्ट के रास्ते मुड़ापार शारदा विहार होकर गौमाता चौक पर चांपा कोरबा रोड से जुड़ जाता है। पिछले कुछ माह से नो-एंट्री में भी कुछ गाड़ियां तेज रफ्तार से आना जाना कर रही हैं। इससे खतरा बढ़ गया है।
●कोहड़िया बस्ती : कोहड़िया बस्ती के पास ढलानयुक्त मोड़ है। दोनों तरफ से तेज रफ्तार आने पर अचानक गाड़ियां नजर आती हैं। इसी कारण अक्सर वाहनों में आमने-सामने टक्कर होती रहती है। हादसे के लिहाज से कोहड़ियां मार्ग बेहद संवेदनशील है।
●सर्वमंगला चौक से इमलीछापर चौक : सर्वमंगला मंदिर के समीप स्थित चौक और पुल पर चौबीसों घंटे भारी वाहनों की आवाजाही रहती है। भारी वाहन चालक लापरवाहीपूवर्क गाड़ियां चलाते हैं, इससे छोटे वाहन सवारों को खतरा रहता है। सर्वमंगला चौक से इमलीछापर चौक तक सड़क पर काम अधूरा है। कई जगह गड्ढे हो गए हैं। इससे लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं।
●महाराणा प्रताप चौक : ट्रांसपोर्टनगर, सीएसईबी चौक के बाद महाराणा प्रताप चौक पर यातायात का दबाव रहता है। चौक के पास बुधवारी बाजार लगता है। पूरे समय यहां से भारी वाहन गुजरते हैं। कई बार तेज रफ्तार वाहन चौक पर पलट चुके हैं।
●कोसाबाड़ी तिराहा : हनुमान मंदिर के पास अंधा मोड़ होने के कारण रजगामार की ओर से आने वाले वाहन चालकों को चौक पर अचानक दिखाई पड़ता है। वाहन की रफ्तार तेज होने पर अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हाल ही चौक के पास कार की ठोकर से ग्रामीण की मौत हो गई थी।
●दर्री डेम : शहर के सबसे खतरनाक मोड़ों में से एक दर्री डेम मोड़ भी है। इस डेंजर प्वाइंट पर भारी वाहनों का चौबीसों घंटे आना जाना होता है। भारी वाहनों के चालक मोड़ पर रफ्तार कम नहीं करते हैं। बरॉज पर स्थित जल संसाधन विभाग के दफ्तर के सामने अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इमलीडुग्गू चौक : सीतामणी से एक किमी की दूरी पर इमलीडुग्गू चौक है। उतार- चढ़ाव होने के कारण दोनों तरफ से सामने से आने वाला वाहन दिखाई नहीं पड़ता है।
●बरबसपुर मोड़ : ग्राम भिलाईखुर्द और उरगा चौकी के बीच स्थित बरबसपुर मोड़ पर कोयला परिवहन करने वाली गाड़ियाें की लाइन लगी रहती है। चौक पर अंधा मोड़ होने के कारण अक्सर वाहनों में आमने-सामने टक्कर होती है। परसाभाठा तिराहा और बजरंग चौक: बालकोनगर में स्थित परसाभाठा तिराहा और बजरंग चौक दुर्घटना की दृष्टिकोण से खतरनाक है। चौबीस घंटे बालको और दर्री के बीच चलने वाले भारी वाहन इस हसे यहां से गुजरते हैं।
स्पीड पर नियंत्रण नहीं होने से मारे जा रहे लोग
जिले में खूनी सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति की मौत की छानबीन पुलिस पूरी कर नहीं पाती की दूसरी घटना हो जा रही है। अब तो शहर के भीतर खूनी दुर्घटनाएं होने लगी हैं। हफ्तेभर के भीतर तीन दुर्घटना में कोरबा शहर में चार लोगों की मौत हुई है।
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