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कोरबा

CG Coal News: साढ़े पांच साल में 2266 कोल कर्मियों की गई जान, फिर भी कड़ी चुनौतियों के बीच काम कर रहे कोयला मजदूर

CG Coal News: कोरबा जिले में बीते साढ़े पांच साल में 2266 कोल कर्मियों की जान अलग-अलग वजहों से जा चुकी है। खुद एसईसीएल ने वर्षवार कोल कर्मियों के मौतों का डाटा जारी किया है।

कोरबाNov 08, 2024 / 12:12 pm

Shradha Jaiswal

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CG Coal News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बीते साढ़े पांच साल में 2266 कोल कर्मियों की जान अलग-अलग वजहों से जा चुकी है। खुद एसईसीएल ने वर्षवार कोल कर्मियों के मौतों का डाटा जारी किया है। वर्ष 2018-19 से लेकर 2023-24 सितंबर तक 2266 कर्मियों को एसईसीएल ने खोया है। शारीरिक रूप से एसईसीएल कर्मी लगातार कमजोर हो रहे हैं। बीपी, शुगर और एलर्जी से तो एसईसीएल कर्मी सबसे अधिक ग्रसित हैं। एसईसीएल बीते कुछ वर्षों में कोल खनन में हाइटेक संसाधनों को लागू किया गया है।
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CG Coal News: महिला कामगारों की संख्या पहुंची तीन हजार तक

CG Coal News: सरफेस माइनर, माइनर, हाइवाल माइनर टेक्नोलॉजी से खदानों में हाइटेक तरीके से कोल खनन किया जा रहा है। प्रबंधन का दावा रहता है कि खदान परिसर के भीतर प्रदूषण को रोकने, हादसों को कम करने के सारे उपाय किए जा रहे हैं इसका फायदा भी मिल रहा है, लेकिन एक सबसे बड़ी परेशानी अभी कोल कर्मियों को यही आ रही है कि खदान से घर आने व जाने मेें कोल कर्मी सबसे अधिक प्रदूषण, जर्जर सड़क का सामना करना पड़ रहा है।
CG Coal News: सड़कों पर जाम, डस्ट और गड्ढों की वजह से उनके सेहत पर विपरित असर पड़ रहा है। यहां तक की कालोनी में मकान भी इस लायक नहीं है कि वे शांति और डस्ट रहित जीवन जी सके। कर्मियों की मांग है कि एक बेहतर माहौल उनको रहने को मिले। कोल कर्मी बेहद चुनौतियों के साथ आज देश के लिए कोयला खनन कर रहे हैं। खदानों में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे बड़ी चिंता का विषय ये है कि कोल कर्मी 60 वर्ष की आयु तक पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
एसईसीएल में महिला कामगारों की संख्या अब तीन हजार के करीब पहुंचने वाली है। वर्तमान में एसईसीएल में अलग-अलग वर्ग में कुल 2928 महिला कामगार कार्यरत हैं। इनमें एक्जीक्यूटिव स्तर पर 155, मासिक वेतन पर 878, सबसे अधिक दैनिक वेतन भोगी 1841, ट्रैनी के पद पर 54 महिला कर्मचारी कार्यरत हैं।

646 एसईसीएल कर्मी हुए मेडिकल अनफिट

बीते साढ़े पांच साल में एसईसीएल के कुल 646 कर्मी मेडिकल अनफिट हो गए। स्वास्थ्य लगातार खराब रहने, विपरित परिस्थिति में काम करने में अक्षम, इलाज के लिए कई महीने छुट्टी के बाद भी ठीक नहीं होने पर खुद कर्मियों ने मेडिकल अनफिट के लिए आवेदन लगाया था। उनके आवेदन पर एसईसीएल ने परीक्षण कराने पर पाया कि कर्मी काम करने के योग्य नहीं है। मेडिकल अनफिट होने के बाद परिवार के सदस्यों को नौकरी पर रखा गया।

वर्षवार एसईसीएल कर्मियों की मौतों पर एक नजर

वर्ष कुल मौतें

2018-19 404

2019-20 331

2020-21 431

2021-22 643

2022-23 336

2023-24 121

कुल 2266

कर्मियों के हेल्थ पर शोध की जरूरत

एसईसीएल कर्मियों के हेल्थ को लेकर एक शोध की बेहद जरुरत है। खदान के भीतर, आने जाने वाले रास्तों के अलावा कालोनी में प्रदूषण सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। डस्ट को कम करने के पीछे एक्सपर्ट तरीके से उपाय करने होंगे। कुसमुंडा, दीपका, गेवरा जैसे बड़ी परियेाजना में कार्यरत कर्मी सबसे अधिक प्रभावित हैं।

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