scriptKorba News: कोरबा के जंगल में मिले 4000 साल पुराने शैलचित्र, आदिमानव के निशान का दावा | 4000 years old rock paintings found in the forest of Korba, claims to be traces of primitive man | Patrika News
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Korba News: कोरबा के जंगल में मिले 4000 साल पुराने शैलचित्र, आदिमानव के निशान का दावा

Korba News: कोरबा के जंगल में मिले दूर ग्राम दुधीटांगर में एक गुफा की खोज की गई. जिसमे बताया जा रहा है की 45 से अधिक शैलचित्र मौजूद हैं,

कोरबाAug 24, 2024 / 10:15 am

Shradha Jaiswal

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Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम दुधीटांगर में एक गुफा की खोज गई है। इसमें 45 से अधिक शैलचित्र मौजूद हैं, जिन्हें पत्थरों पर उकेरा गया है। इन चित्रों में हिरण, सांभर, श्वान, बकरी, तेंदुआ, सियार के अलावा पदचिन्ह और मानवाकृति के अलावा ज्यामितीय चित्र शामिल हैं।
गुफा की खोज कुछ दिन पहले जिला पुरातत्व संग्रहालय के मार्गदर्शक हरि सिंह क्षत्री ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से की है। क्षत्री का दावा है कि यह गुफा ताम्रपाषाण युग की है। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना पुरातत्ववेत्ता पद्मश्री से सम्मानित केके मोहम्मद, कर्नाटक के पुरातत्वविद रवि कोरीसेट्टार, वाकणकर शोध संस्थान उज्जैन के पदाधिकारी व पुरातात्विक जानकार विनीता देशपांडे के अलावा स्थापत्य कला विशेषज्ञ इंद्रनील बंकापुरे कोल्हापुर को वीडियो कॉल के माध्यम से दी है। शैल चित्रों को देखकर के.के. मोहम्मद ने संभावना जताई है कि चित्र ताम्रपाषाण युग के हो सकते हैं। जिनका संबंध 4000 साल पुराना है।
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डॉक्यूमेंटेशन की तैयारी

पुरातत्ववेत्ता के.के. मोहम्मद ने इन शैल चित्रों का डॉक्यूमेंटेशन करने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। ताकि इन्हें विज्ञान की कसौटी पर परखा जा सके। साथ ही आसपास पाषाणकालीन लघु उपकरणों की खोजबीन करने के लिए कहा है। ताकि यहां की प्राचीन स्थिति और मानव सभ्यता के विकास में दुधीटांगर में मिले शैल चित्रों को देखकर कोई निष्कर्ष निकाला जा सके।

कोरबा में यह तीसरी गुफा

शैल चित्रों का विकास मानव सभ्यता के इतिहास से जुड़ा है। पूर्व में मानव अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शैल या चट्टानों पर चित्र उकेरता था। तब उसके पास लिखने के लिए कोई लिपि नहीं थी। कोरबा में खोज की गई यह तीसरी गुफा है। संभावना है कि इस गुफा में आदि मानव रहता था। इसके पहले इसी प्रकार की गुफा अरेतला के जंगल में मिली थी।

आदि मानव के निशान का दावा

कोरबा जिले में आदिमानवों के अनेक ठिकानों को खोजने का दावा पूर्व में हरि सिंह कर चुके हैं। इसमें 25 चित्रित शैलाश्रयों के अलावा अचित्रित शैलाश्रयों की खोज शामिल है। कोरबा में पाषाणकाल के उपकरण भी पूर्व में मिले हैं, जिन्हें जिला पुरातत्व संग्रहालय में रखा गया है।

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