विधिवत पूजन के बाद खुला मां लिंगेश्वरी का चमत्कारी दरबार
केशकाल/फरसगांव। Maa Lingeshwari temple opened today: साल में एक बार खुलने वाले ग्राम आलोर की पहाड़ी पर स्थित गुफा में विराजमान माँ लिंगेश्वरी जी मन्दिर में इस वर्ष बुधवार दिनांक 27 सितंबर को मन्दिर के पुजारियों के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धालुओं के लिए गुफा के द्वार खोले गए। इस दौरान मन्दिर के पुजारियों ने माता के स्वरूप के समीप शेर के पदचिन्ह देखे। पुजारियों का मानना है कि इस वर्ष समूचे क्षेत्र में सुख, समृद्धि, खुशहाली और शांति व्याप्त रहेगी।
आपको बता दें कि माता के दर्शन के लिए मंगलवार दोपहर से ही छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु मन्दिर प्रांगण पहुंच कर कतार में लग (Kondagaon News) गए थे। बुधवार की सुबह तक यह कतार लगभग 6-7 किलोमीटर तक लग गई थी। जिसमें 50-60 हजार की संख्या में श्रद्धालु कतार में लग कर माता के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं।
ये है मंदिर की मान्यता उल्लेखनीय है कि निःसंतान दम्पत्तियों की आस्था हेतु समूचे विश्व में विख्यात लिंगेश्वरी माता शिवलिंग के अवतार में विराजमान है। जो कि कोंडागांव जिला के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत ग्राम झाटीबन आलोर के पहाड़ों के बीच एक गुफा में मां लिंगेश्वरी विराजित हैं। वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार लिंगेश्वरी माता की गुफा के द्वार साल में केवल एक बार ही (Maa Lingeshwari temple In Kondagaon) खुलते हैं। संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त अलग-अलग राज्यों से दर्शन करने आते हैं। इनमें से अधिकांश दंपती ऐसे होते है जिनकी शादी हुए 10-15 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अब तक कोई संतान नहीं हुई है। ऐसे दम्पत्ति खास तौर पर संतान की कामना लेकर माता के दर्शन करने आते हैं।
अन्य राज्यों से भी माता का दर्शन करने पहुंचे हैं श्रद्धालु स्थानीय लोगों ने बताया कि श्रद्धालुओं को आलोर स्थित माता लिंगेश्वरी के दरबार मे लगने वाले मेले का बड़ी बेसबरी से इंतजार रहता है। प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिसा, तेलंगाना, गुजरात समेत अन्य विभिन्न राज्यों (CG Hindi News) से भी लोग अपनी मनोकामना लिए माता के दर्शन करने आते हैं। इस दिन श्रद्धालुओं के लिए भोजन, विश्राम आदि हेतु विशेष व्यवस्था की गयी है।