CG Girls Hostel: समय रहते प्रबंधन को अपने इस निर्णय पर विचार करने की जरूरत हैं। यह छात्राओं के हित में शायद नहीं होगा कि, कन्या छात्रावास का प्रभारी एक पुरूष को बना दिया जाए और नियुक्त किये गए प्रभारी छात्राओं के साथ ही उनके छात्रावास की व्यवस्था संभाल पाए। तकरीबन सप्ताहभर पहले ही ऐसे ही एक कन्या छात्रावास में अधीक्षिका के पति के रात में रूकने को लेकर प्रशासन ने इस मामले पर अपना कड़ारूख अपनाया था।
CG Girls Hostel: कॉलेज प्रबंधन की यह है दलीलें
कॉलेज प्रबंधन की माने तो छात्रावास संचालित नहीं होने से यहॉ दर्ज संया में फर्क पड़ रहा और प्रवेशी दूर-दराज की छात्राओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए प्रबंधन ने कॉलेज परिसर में बने छात्रावास भवन में स्थानीय स्तर पर इसका संचालन शुरू करने का निर्णय लिया। वही महाविद्यालय में कार्यरत महिला प्राध्यापकों ने वार्डन की जिम्मेदारी न निभाने के उनके निणर्य पर सहमति के आधार पर एक पुरूष प्राध्यापक को इसकी जिम्मेदारी सौपी है।
कॉलेज परिसर में दो हॉस्टल भवन
कॉलेज परिसर में ही दो हॉस्टल भवन पृथक-पृथक बनाए तो गए है, लेकिन शासन स्तर पर हॉस्टल संचालन की स्वीकृति न मिल पाने के चलते स्थानीय स्तर पर इसके संचालन का निर्णय लेकर फिलहॉल संचालित किया जा जा है। बताया जा रहा है कि, वर्तमान में 200 छात्राएं इस छात्रावास में रह रही है। इसमें एक छात्रावास की जिम्मेदारी एक महिला तो दूसरे छात्रावास की जिम्मेदारी एक पुरूष प्राध्यापक को व्यवस्था के तौर पर दी गई है।