सरकार की उदासीनता को दर्शाती
राज्य वन विभाग के कुछ अधिकारियों का दावा है कि मौजूदा स्थिति बांग्लादेश की मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार की उदासीनता को दर्शाती है। इस कारण बांग्लादेश के सुंदरवन के बाघ भोजन की तलाश में भारत के हिस्से वाले सुंदरवन की ओर बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि हाल के दिनों में बंगाल के सुन्दरवन से सटे क्षेत्र में कई बाघ घुस आए हैं। वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार हम लोग अपने बाघों की संख्या के हिसाब से सुंदरवन के जंगल में हिरण या सूअर जैसे जानवरों को छोड़ रहे हैं लेकिन, बांग्लादेश के सुंदरवन के बाघों के आने से जंगल में उपलब्ध भोजन की मात्रा कम हो जा रही है। इस कारण बाघ भोजन की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र में आ रहे हैं और यह समस्या बनती जा रही है।
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ध्यान नहीं देने पर बिगड़ सकती है स्थिति
पश्चिम बंगाल वन विभाग सुंदरवन के बाघों को लेकर चिंतित है। सुंदरवन बांग्लादेश और भारत की सीमा में विभाजित है लेकिन, वन्यजीवों के लिए कोई निश्चित सीमा नहीं है। यह संभव भी नहीं है। रॉयल बंगाल टाइगर अक्सर भोजन की तलाश में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाते रहते हैं। वन विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि बांग्लादेश के सुंदरवन के जंगलों में पर्याप्त भोजन की कमी के कारण बाघों का बंगाल के सुंदरवन की ओर रुख करना आश्चर्य की बात नहीं है लेकिन, बांग्लादेश सरकार को इसके बारे में पता होना चाहिए और उसे उचित कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा भारतीय सुंदरवन के आसपास के क्षेत्रों में बाघों की आवाजाही बढ़ती रहेगी और लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर होंगे।
तख्तापलट होने के बाद हालात जटिल
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश की हसीना सरकार से बातचीत से इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की गई थी लेकिन, वहां तख्तापलट होने के बाद से भारत-बांग्लादेश के वर्तमान राजनयिक संबंधों को देखते हुए स्थिति जटिल हो गई है। दिल्ली के लिए इस तरह की बातचीत करना मुश्किल है। यह मुद्दा फिलहाल केंद्र सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं है। अब राज्य वन विभाग को ही अपने स्तर पर इसका समाधान निकालना होगा।