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कोलकाता

शुभंकर की ताजपोशी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का रुख बदलने के संकेत

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के घोर विरोधी अधीर रंजन चौधरी की जगह शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही राज्य में कांग्रेस का राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसकी वजह शुभंकर सरकार अधीर चौधरी के उलट राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गठबंधन करने के पक्षधर रहे हैं।

कोलकाताSep 24, 2024 / 10:58 am

Rabindra Rai

शुभंकर की ताजपोशी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का रुख बदलने के संकेत

शुभंकर की ताजपोशी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का रुख बदलने के संकेत

तृणमूल से नजदीकी और माकपा से दूरी बढऩे के आसार

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के घोर विरोधी अधीर रंजन चौधरी की जगह शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही राज्य में कांग्रेस का राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसकी वजह शुभंकर सरकार अधीर चौधरी के उलट राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गठबंधन करने के पक्षधर रहे हैं। इसके मद्देनजर बंगाल में कांग्रेस के एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस के नजदीक जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस हाईकमान केन्द्र में भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन की एकता बनाए रखने के लिए ममता बनर्जी के साथ बेहतर संबंध बनाने के पक्ष में है लेकिन, अधीर चौधरी 2011 के बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी की ओर से कांग्रेस को तोडक़र राज्य की राजनीति में कांग्रेस को हाशिए पर लाने का हवाला देते हुए तृणमूल का विरोध करते रहे। साथ ही तृणमूल के विरोध में एक समय कांग्रेस के कट्टर विरोधी माकपा नीत वाम मोर्चा से गठबंधन कर चुनाव लड़े पर, बंगाल में कांग्रेस को कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिला।

अपना सकती है 2011 वाली लाइन

अब कांग्रेस 2011 वाली लाइन अपनाकर बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी के सहारे अपने पार्टी संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रही है। पार्टी के नेताओं ने बताया कि पार्टी हाईकमान का तर्क है कि ममता बनर्जी ने 2011 के बाद कांग्रेस को तोडक़र काफी कमजोर कर दिया लेकिन, वर्ष 2001 और 2011 में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लडऩे से बंगाल में कांग्रेस को राजनीतिक लाभ मिला था। इस बार भी तृणमूल के साथ ही रहने में कांग्रेस का लाभ होगा। शुभंकर सरकार राहुल गांधी के करीबी हैं और पश्चिम बंगाल से उनके युवा ब्रिगेड में शामिल दो लोगों में से एक थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुभंकर को बंगाल में कांग्रेस को राहुल गांधी की लाइन पर चलाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।

प्रबंधन का बेहतर प्रदर्शन किया

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मेघालय और अरुणाचल सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के प्रभारी रहे शुभकर ने पूर्वोत्तर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अपने प्रबंधन का बेहतर प्रदर्शन किया था। इसके अलावा उन्होंने कर्नाटक के प्रभारी रहने के दौरान वहां के विधानसभा चुनाव में अपने राजनीतिक कौशल का बेहतर परिचय दिया था। राहुल गांधी शुभंकर में अधिक संभावनाएं देख रहे हैं।

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