मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धनखड़ को बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किए जाने का स्वागत किया है। इसके साथ ही जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के पहले राजस्थानी मूल के राज्यपाल बन गए।
धनखड़़ को बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने के बारे में ट्वीट कर ममता बनर्जी ने लिखा है कि धनखड़़ जी को राज्यपाल बनाए जाने के बारे में इस दिन उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की। उन्हें बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने का वे स्वागत करती हैं। जगदीप धनखड़ उस समय बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं, जब राज्य राजनीतिक हिंसा की आग में जल रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन का सिलसिला जारी है।
राजस्थान के झुनझुनु जिले के किठाना गांव में 18 मई 1951 को जाट परिवार में जन्मे जगदीप धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील और राजनेता हैं। जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की और 1996 में राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए।
वकालत करने के साथ वे सामाजिक गतिविधयों के साथ ही राजनीति से जुड़े रहे। वर्ष 1991 में वे भाजपा के समझथन से जनता दल के टिकट पर झुनझुनु लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत कर पहली बार संसद पहुंचे और 21 अप्रैल 1990 से पांच नवंबर 1990 तक केन्द्री मंत्री भी रहे। बाद में जनता दल के विभाजन होने पर वे प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के खेमे में चले गए थे।
वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल से टिकट नहीं मिलने पर वे कांग्रेस में चले गए थे और वर्ष 2003 में वे भाजपा में शामिल हो गए। इसके अलावा वे राजस्थान के किशनगड़ से विधायक भी रहे। उन्होंने जाट जाति को ओबीसी का दर्जा दिलाने के लिए जाठ आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।