हजारों लोग सडक़ों पर उतरे, पीडि़ता के लिए की न्याय की मांग
2024 में संदेशखाली यौन शोषण और जबरन भूमि दखल, जयनगर रेप-मर्डर, प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाला, राजनीतिक हत्याएं जैसी कई प्रमुख घटनाएं घटी। राज्य सरकार ने रेप-मर्डर जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपराधियों में खौफ पैदा करने को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक लाया। आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने और सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्र ने पहली जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू किए। आरजी कर रेप व मर्डर मामले में न्याय की मांग और सुरक्षा के सवाल पर जूनियर डॉक्टरों की लगातार हड़ताल, महिलाओं द्वारा कई रात्रि कब्जा आंदोलन की लहर देश-विदेश तक पहुंची। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ ने जांच शुरू की। अनिवार्य 90 दिन में आरोप पत्र दाखिल नहीं करने के कारण आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई। पीडि़ता के माता-पिता ने अपनी बेटी की हत्या की नए सिरे से जांच की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। पीडि़त परिवार को न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों का धरना-प्रदर्शन जारी है।
संदेशखाली की घटना ने दिलाई क्रूरता की याद
बंगाल के संदेशखाली में पांच जनवरी की घटना ने मुगलकाल की क्रूरता की याद दिला दी। ईडी ने तृणमूल नेता शेख शाहजहां के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और जबरन भूमि अधिग्रहण के आरोपों की जांच जब शुरू की, तो एक पर एक परत खुलती गई। टीएमसी पंचायत सदस्य गंभीर आरोपों के बावजूद 55 दिनों तक गिरफ्तारी से बचता रहा। अंत में मीनाखा इलाके से पश्चिम बंगाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने जब शाहजहां के घर पर छापा मारने का प्रयास किया, उनके लोगों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया। फिर संदेशखाली के निवासियों ने स्थानीय टीएमसी नेताओं के खिलाफ जबरन जमीन हड़पने और यौन शोषण सहित कई आरोप लगाए। संदेशखाली की कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि देर रात मीटिंग करने के नाम पर बुलाकर उनका यौन शोषण किया गया। उनकी कृषि योग्य जमीन को जबरन दखल कर उसे मछली पालन के लिए भेड़ी बना दिया गया।
जयनगर रेप-मर्डर कांड: 62 दिन में मौत की सजा
चार अक्टूबर को दक्षिण चौबीस परगना जिले के जयनगर थाना इलाके में कोचिंग पढक़र घर लौट रही नाबालिग छात्रा का अपहरण कर लिया गया और उसके साथ बलात्कार किया गया। हत्या कर शव को पास के एक जलाशय में फेंक दिया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मुस्तकिन को गिरफ्तार किया और 62 दिन में मौत की सजा देने के लिए अदालत से घोषणा करवाई। पुलिस ने घटना के 25 दिन बाद 30 अक्टूबर को आरोप पत्र दाखिल किया और फास्र्ट ट्रैक ने त्वरित सुनवाई करते हुए पांच दिसंबर को मुस्तकिन को दोषी करार दिया। अगले दिन फांसी की सजा सुनाई गई। बंगाल का अब तक यह त्वरित फैसला है।
अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक
आरजी कर कांड से देशभर में तृणमूल सरकार की हुई किरकिरी से आहत ममता सरकार ने अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए तीन सितंबर को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक बिल आमराय से पारित किया। इसके तहत बलात्कार और हत्या करने वालों को मृत्युदंड दिया जाएगा। बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। किसी नाबालिग के साथ रेप के दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान है। बिल में 21 दिनों में जांच सुनिश्चित करने और जांच पूरी नहीं हुई तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिलने का प्रावधान है।
नए आपराधिक कानून के तहत मामले दर्ज
पहली जुलाई, 2024 से भारत में नए आपराधिक कानून लागू हुए। इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं। ये कानून, आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने और सुव्यवस्थित करने के लिए लागू किए गए। अब इस नए कानून के तहत ही पूरे बंगाल में मामले दर्ज हो रहे हैं और सुनवाई हो रही है।