राजीव बनर्जी ने कहा कि वे अपने बीमार संबंधी को देखने आए थे। पास में ही कुणाल घोष का घर है। जो उनके पुराने दोस्त हैं। इसलिए फोन कर उनसे मिलने चले आए। उनकी मुलाकात से राजनीति का कोई संबंध नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस में वापसी का रास्ता तैयार करने के लिए राजीव बनर्जी ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी की सरकार का पक्ष लेते हुए भाजपा की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि वे अपने पुराने बयान पर अब भी कायम हैं। बनर्जी ने कहा था कि बहुमत पाकर तृणमूल की सरकार बने एक महीना भी नहीं हुआ है और भाजपा अभी से साम्प्रदायिकता फैलाने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोशिश कर रही है जो ठीक नहीं है। वे इसका विरोध करते हैं।
वैशाली पर घोष ने जाहिर की नाराजगी
कोलकाता. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी नेता वैशाली डालमिया के फेसबुक पोस्ट पर नाराजगी जाहिर की। वैशाली ने शुभेन्दु अधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा है कि मुकुल रॉय के जाने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
शुभेन्दु दा शीघ्र ही ऐसे लोगों को पार्टी से निकालकर बाहर करिए। दिलीप घोष ने कहा कि इस तरह सलाह देने की जरूरत नहीं है। पार्टी का सिस्टम है। जो लोग भाजपा के बारे में नहीं जानते हैं वे ही ऐसे ही बयान देते हैं।
प्रसून ने किया राजीव का विरोध
तृणमूल कांग्रेस सांसद प्रसून बनर्जी ने कहा कि राजीव बनर्जी पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा में गए थे। हावड़ा के तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके पार्टी में वापस लाने के विरोध में हैं। इसलिए वे उनके पार्टी में आने का विरोध करते हैं।
तृणमूल में कोई उपयोगिता नहीं
तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि राजीव बनर्जी ने साबित किया है कि वे शून्य के सिवाय कुछ भी नहीं है। अब तृणमूल कांग्रेस में उनकी क्या उपयोगिका होगी पता नहीं। देखा जाए कि कुणाल उनकी पार्टी में वापसी करा पाते है या नहीं।