मामले को लेकर तलकपुरा पूर्व सरपंच रघुवीर सिंह का कहनाहै कि, गांव में करीब 150 गौवंश लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। यही नहीं, इस जानलेवा संक्रमण की चपेट आकर 11 गाय और 9 बैलों की अबतक मौत भी हो चुकी है। उन्होंने ये भी बताया कि, संकर्मण को लेकर ग्रामीण देहशत में हैं, बावजूद इसके पशु विभाग उचित व्यवस्था नहीं कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि, ग्रामीण निजी चिकित्सकों से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। उनके साथ अन्य ग्रामीणों ने बताया कि, बुजुर्गों की परंपरा और टोने-टोटके के तहत आज वो अपने खेतों में नहीं गए और दुकान बंद कर गांव की सीमा पर जाकर पूजा अर्चना की। उन्होंने पूरे दिन किसी को गांव के में नहीं आने दिया न ही वो खुद गांव से कहीं बाहर गए। ग्रामीणों का कहना है कि, ये प्रक्रिया काकड़ बंधन या ग्राम बंधन कहलाती है।
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ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
ग्रामीणों ने खंडवा वड़ौदरा राजमार्ग पर करीब 45 मिनट तक चक्काजाम कर जमकर प्रदर्शन भी किया। खरगोन के पशु उपसंचालक सी.के रत्नावत का कहना है कि, विभाग लगातार लंपी वायरस से ग्रस्त गायों के उपचार में लगा है। उन्होंने ये भी कहा कि, पूर्व में पूरे जिले की गौशालाओं की 8 हजार गायों को टीके लगाए गए थे, इसके बाद जनसहयोग से प्राप्त 45 हजार वैक्सीन भी लगाई गईं। उन्होंने कहा कि, शुक्रवार को विभाग को 1 लाख वैक्सीन और मिली हैं, जिन्हें शिविर लगाकर पशुओं को लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि, तलक पुरा में भी विभाग ने लगातार काम किया है, लेकिन सरपंच और पूर्व सरपंच के आपसी समन्वय के अभाव के चलते ग्रामीण इसे मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि, पूर्व सरपंच तथा अन्य ग्रामीणों के दावे गलत हैं।
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