नवग्रह मेला बैल बाजार के लिए भी प्रदेशभर में विख्यात है। यहां महाराष्ट्र सहित प्रदेशभर से किसान बैल खरीदने के लिए आते हैं। निमाड़ी बैलों की मांग अधिक होती है क्योंकि यह बल श्रम के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। इस वर्ष भी बैल बाजार के लिए 6 लाख 5 हजार रुपए में ठेका नीलाम हुआ है।
नवग्रह मेला व्यापारी संघ अध्यक्ष गणेश वर्मा बताते हैं कि नवग्रह मेला प्रदेशभर में प्रसिद्ध है। मेले में लाखों रुपए का व्यापार होता है। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा मेले में मदद की जाना चाहिए।
नवग्रह मेले में पिछले वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी 452 दुकानों के लिए भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं। अब तक 200 व्यापारियों ने आवेदन दिए हैं। इनमें से 105 व्यापारियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। इसी प्रकार मेले में 15 से 20 बड़े झूले और करीब 50 छोटे झूले लगते हैं। इनके लिए भी जमीन आवंटित की जा रही है।
नवग्रह मेले के लिए इस वर्ष अब तक मौत का कुआं व सर्कस के लिए आवेदन नहीं आया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी मेले में सर्कस, मौत का कुआं नहीं आया था। पहले टूरिंग टॉकीज आती थी जिनको बंद हुए कई साल हो चुके हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी में पेट्रोल पंपों पर नकद भुगतान बंद, लागू हुई कैशलैस व्यवस्था, ऑनलाइन ही मिलेगा पेट्रोल डीजल मेले की पार्किंग व्यवस्था में इस बार बदलाव किया गया है। जहां अब तक पार्किंग रखी जाती थी वहां अब नवग्रह कॉरीडोर का निर्माण शुरू हो गया है। इसी वजह से पार्किंग बैल बाजार व कलेक्टोरेट की दीवार से लगे क्षेत्र में होगी। मेले का समय भी बदला गया है। अब रात्रि 12 बजे तक नागरिक मेले का आनंद ले सकेंगे। जबकि पिछले वर्ष समय रात्रि 11 बजे तक किया गया था। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार बताते हैं कि शहर का प्रसिद्ध नवग्रह मेला ऐतिहासिक मेला है। प्रदेशभर में मेले की विशेष पहचान है। नवग्रह मेले में संस्कृति मंत्रालय की योजना अनुसार लाभ दिलाने के लिए मंत्रालय में चर्चा की जा रही है।