बीएमओ डॉ. संतोष बडोले के मुताबिक सर्दियों में शारीरिक और पर्यावरण से जुड़े कुछ कारकों की वजह से दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और तनाव बढ़ जाता है। इसके अलावा सर्दियों में लू जैसे सांस से जुड़े संक्रमण भी बढ़ जाते हैं, जो ब्लड वेसेल्स में सूजन पैदा कर सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा सीजनल लाइफस्टाइल में बदलाव आना भी हार्ट अटैक का रिस्क बढाते हैं।
डॉ. चंद्रेश दिक्षित, डॉ. हेमेंद्र पाटीदार ने कहा कि हार्ट अटैक के पूर्व चक्कर आना, बेहोशी, पसीना आना, पेट खराब होना, सांस लेने में तकलीफ, चिंता, कमजोरी, मतली या थकान, हृदय की सामान्य धड़कन में असामान्यता आदि लक्षण है। यह लक्षण होने पर ह्दय रोग विशेषज्ञ दिखाना चाहिये। भूतपूर्व सैनिक हेमेंद्र ठाकुर ने कहा शारीरिक व्यायाम द्वारा शरीर को निरोगी रखा जा सकता है। व्यायाम और सैर से को अपनी जीवनचर्या बनाए।
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डॉ. आशीष दुबे व डॉ. संजय पटेल ने बताया कि हार्ट अटैक से बचना है तो रोजाना 30 से 45 मिनट का कोई व्यायाम जरूर करें। प्रदूषण के कारण बाहर नहीं जा पा रहे हैं तो घर में या जिम में जाकर वर्कआउट करें। खाने में ज्यादा ऑयली चीजें जैसे पूरी, पराठे या जंक फूड खाने से परहेज करें। सीजनल फल और सब्जियां खाएं। एकदम ठंडे मौसम में बाहर निकलने से बचें। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करते रहें। अगर बीपी, शुगर या किसी दूसरी बीमारी के मरीज हैं तो उसकी दवाएं रोजाना खाएं।