खरगोन जिला मुख्यालय से 48 km दूर ग्राम माकड़खेड़ा एवं मंडलेश्वर के बीच नर्मदा नदी के ऊपर बना है। पुल की लंबाई करीब 1 km हैं। पुल तहसील महेश्वर और कसरावद को आपस में जोड़ता है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि जिन लोगों की यहां मौत हुई है उनकी आत्मा इस पुल पर भटकती रहती है। रात के समय पुल के पास जाने पर लगता है जैसे पुल अपनी ओर खींच रहा है। कई लोग यहां सेल्फी लेते हैं तो कोई नर्मदा नदी में पुजन सामग्री डालते समय गिर गए। कुछ ने तो पुल से कुदकर अपनी जान दे दी। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक बीते 5 सालों में 6 लोगों ने इस पुल से नर्मदा नदी में कूदकर अपनी जान दी है।
लोगों का कहना है कि जब से पुल बना तब से यहां रात में जाने कि किसी की भी की हिम्मत नहीं हुई है। बहुत ज्यादा जरूरी हो तो लोग गाड़ी से पुल पार कर लेते हैं, लेकिन पैदल जाने की किसी में हिम्मत नहीं होती है।
यहां के लोगों का कहना है लगभग 26 साल पहले ये पुल बना था। जब पुल बन रहा था तब यहां एक बहुत बड़ा हादसा हुआ था। पुल बनते समय पुल का एक हिस्सा गिर गया था जिससे काम करने वाले करीब 20 से 25 लोग पुल के मलबे में दबकर मर गए थे। उसके बाद जब ये पुल बना तो धीरे-धीरे कई लोग इस पुल से कूदकर अपनी जान देने लगे। तभी से यह पुल एक हॉन्टेड बना हुआ है।