scriptकिसान आंदोलन : दिल्ली आंदोलन का असर निमाड़ में, किसान करेंगे नेशनह हाइवे पर चक्काजाम | Farmers Movement: Impact of Delhi Movement in Nimar | Patrika News
खरगोन

किसान आंदोलन : दिल्ली आंदोलन का असर निमाड़ में, किसान करेंगे नेशनह हाइवे पर चक्काजाम

-15 दिन में नहीं मानी मांगें तो महिलाओं और पशुधन के साथ नेशनल हाइवे घेरेंगे

खरगोनFeb 22, 2024 / 10:39 am

Gopal Joshi

Farmers Movement: Impact of Delhi Movement in Nimar

खरगोन मंडी परिसर में तहसीलदार को ज्ञापन देते महासंघ पदाधिकारी।

्रखरगोन.
दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन की आग अब जिले में भी असर दिखाने लगी है। मांगों को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने मोर्चा खोला है। मंगलवार को महासंघ पदाधिकारियों की बैठक अनाज मंडी स्थित सभाकक्ष में हुई। यहां पदाधिकारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा- हमारी मांगें दस दिन में नहीं मानी तो निमाड़-मालवा के किसान आगरा-मुंबई नेशनल हाइवे पर चक्काजाम करेंगे। सडक़ पर केवल किसान नहीं उनके घरों से महिलाएं, पशुधन, कृषि उपकरण लेकर जाएंगे। बैठक में पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
महासंघ जिलाध्यक्ष किशोर पाटीदार, पदाधिकारी गोपाल पाटीदार, कैलाश पाटीदार आदि ने बताया दिल्ली किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में यह मांग करते हैं कि पूर्व व वर्तमान सरकारों द्वारा गलत नीतियों के कारण किसान ऋण में फंसे हैं। जिस तर कार्पोरेट जगत का सरकार ने 14 लाख 56 हजार 300 करोड़ रुपए माफ किए हैं, किसानों को भी संपूर्ण ऋण मुक्त किया जाए। 2014 की घोषणा अनुसार एमएसपी का कानून बनाकर भारत रत्न डॉ. स्वामीनाथ की रिपोर्ट सी-2 प्लस 50 को लागू किया जाए।
दिल्ली नहीं जाएंगे, यहां करेंगे आंदोलन
पदाधिकारियों ने कहा- दिल्ली में आंदोलन जारी है। लेकिन मप्र में भी किसानों को एकजुट कर यहां भी प्रदर्शन करेंगे। मालवा प्रांत व निमाड़ के धार, बड़वानी, खरगोन खंडवा जिलों में लगातार बैठकें ले रहे हैं। रूपरेखा बनी है। 15 दिन में मांगों को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती तो फिर यहां राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले नेशनल हाइवे पर चक्काजाम किया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया है कि इस चक्काजाम में जिले से 200 ट्रैक्टर किसान लेकर पहुंचेंगे। गोपाल पाटीदार ने बताया अन्य जिलों से संपर्क कर रहे हैं। वाहनों की संख्या बढ़ेगी। इस प्रदर्शन में केवल पदाधिकारी, किसान ही नहीं होंगे। अपने घरों से महिलाओं, पशुधन सहित कृषि उपकरण लेकर जाएंगे। उन्होंने शासन-प्रशासन को भी चेतावनी दी है कि महारा नजरिया साफ है। आंदोलन करेंगे।
महासंघ ने यह रखी मांगें
-तत्काल एमएसपी गारंटी का कानून बनाया जाए।
-डॉ. स्वामी नाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए।
-सी-2 प्लस 50 जोडकऱ लागत का देढ़ गुना लाभ दिया जाए।
-किसानों को ऋणमुक्त कर महंगाई के अनुपात में ऋण देने की व्यवस्था की जाए।
-सरकार आयात-निर्यात की दोषपूर्ण नीति को दूर करें।
-आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दें।
-शहीद किसान परिवार को एक करोड़ नकद, एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें।
-सीसीआई द्वारा की गई खरीदी जांच की जाए।
आरोप : गिरफ़्तारी के सदमें में पोते ने की आत्महत्या, हो कार्रवाई
तहसीलदार को दिए ज्ञापन में महासंघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा- विगत दिनों दिल्ली आंदोलन के चलते पुलिस ने बिना पूर्व सूचना अचानक तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें महासंघ के संगठन मंत्री खामखेड़ा निवासी नंदराम गुर्जर शामिल थे। गुर्जर की अचानक हुई गिरफ़्तारी से बैंगलोर में साफ़्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा उनका पोता सतीष गुर्जर सदमे में आ गया। उसने बैंगलोर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे नंदराम आहत है। पूरे मामले में महासंघ पदाधिकारियों ने जांच कर मामले में कार्रवाई की मांग की है।

Hindi News / Khargone / किसान आंदोलन : दिल्ली आंदोलन का असर निमाड़ में, किसान करेंगे नेशनह हाइवे पर चक्काजाम

ट्रेंडिंग वीडियो