एसपी ने बताया पुलिस जांच में मृतक की पत्नी गुड्डीबाई के गांव में ही रहने वाले चचेरे देवर कालू गणपत से अवैध संबंध थे। इसके आधार पर पूछताछ शुरू की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो दोनों टूट गए। कालू ने दोस्त अनिल उर्फ ठुलिया पिता चैनसिंग निवासी आगरबाई के साथ मिलकर सुखराम की हत्या का अपराध कबूला। गुड्डीबाई कालू से शादी करना चाहती थी, इसलिए उसने सुखराम की हत्या की साजिश रची।
पुलिस के मुताबिक गुड्डीबाई पति सुखराम को सेजला गांव शराब पिलाने के बहाने ले गई। वहां खूब शराब पिलाई। लौटते समय कालू और उसका दोस्त अनिल बाइक से रैकी करते हुए दूसरे रास्ते से घटनास्थल पहुंचे। मेरघट्टी पहुंचने पर सुनसान इलाका देख कालू और गुड्डीबाई ने सुखराम के साथ झूमाझटकी शुरू कर दी। अनिल आने- जाने वालों की निगरानी रखने लगा।
पुलिस ने बताया गुड्डी ने सुखराम के हाथ पकड़े। कालू ने उसके गले मेें पड़े गमछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। सुखराम के निढाल होने के बाद शव को उठाकर सेजला सदु के खेत के पास ले जाया गया। यहां तलाई की ढलान के नीचे शव फेंककर फरार हो गए।