scriptमेले में बंदूक से गुब्बारे फोड़ने के शौक ने बनाया निशानेबाज, आज Paris Olympic 2024 में जलवा बिखेरेंगे एमपी के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर | Aishwarya pratap singh tomer represent India in Paris Olympic 2024 know the interesting success story to becoming a shooter | Patrika News
खरगोन

मेले में बंदूक से गुब्बारे फोड़ने के शौक ने बनाया निशानेबाज, आज Paris Olympic 2024 में जलवा बिखेरेंगे एमपी के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर

Paris Olympic 2024: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गांव रतनपुर से हैं ऐश्वर्य प्रताप सिंह, पिता की बंदूकों से खेतों में खड़े भुट्टे, पेड़ों पर लटके आम पर लगाते थे निशाना

खरगोनJul 31, 2024 / 08:11 am

Sanjana Kumar

Paris Olympic 2024

Paris Olympic 2024 में भारत की ओर से मेडल के दावेदार ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर।

Paris Olympic 2024: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गांव रतनपुर के रहने वाले ऐश्वर्य प्रताप‍ सिंह तोमर इन दिनों आयोजित किए जा रहे पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वे यहां शूटिंग कॉम्पिटिशन में भारत की ओर से मेडल के दावेदार हैं। 31 जुलाई, बुधवार को वे क्वालिफाइंग राउंड में खेलते नजर आएंगे। बता दें कि ओलिंपिक में जलवा बिखेरने वाले ऐश्वर्य प्रताप सिंह की सक्सेस जर्नी आसान नहीं है।

गांव के लोग कर रहे हैं गोल्ड मेडल की प्रार्थना

एमपी के खरगोन की आबादी की सिर्फ एक हजार है, वहां के लोग खेती और मजदूरी करते हैं। इन्हीं लोगों के बीच से पले बढ़े हैं 23 साल के ऐश्वर्य प्रताप तोमर। जो ओलिंपिक की तैयारी में जुटे रहते हैं। पेरिस ओलिंपिक 2024 में शूटिंग कॉम्पिटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे ऐश्वर्य के परिजनों के साथ ही पूरे गांव के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि ऐश्वर्य गोल्ड मेडल जीतकर भारत लौटे।

पिता बोले- बेटे ने वादा किया है गोल्ड मेडल जीतेगा

ऐश्वर्य के पिता वीर बहादुर बताते हैं कि इस बार बेटे ने वादा किया है कि वह गोल्ड मेडल जीतेगा। पिछले ओलिंपिक में कुछ अंकों से वह मेडल से चूक गया था। इसके बाद वह गांव आया था।

बचपन से बंदूक के शौकीन थे ऐश्वर्य

ऐश्वर्य के पापा वीरबहादुर सिंह तोमर अुपने परिवार के साथ पिछले 41 साल से रतनपुर गांव में रह रहे हैं। यहां उनकी करीब 50 एकड़ जमीन है। राजपूत समुदाय के हैं इसलिए राइफल और बंदूक जैसे लाइसेंसी हथियार परिवार में रखने की परम्परा है। वीरबहादुर सिंह तोमर के पास तीन बंदुकें हैं।
ऐश्वर्य उन्हीं के साथ खेलते हुए बड़े हुए हैं। ऐशवर्य जब छोटे थे, तब पढ़ाई से ज्यादा पिता कि बंदूकों को पाने का शौक था। स्कूल से आने के बाद जैसे ही ऐशवर्य को समय मिलता वह बंदूकें साफ करवाने में पिता की मदद करने लगते थे।
वीरबहादुर बताते हैं कि हम लोग हमेशा बंदूक रखते हैं। खेत पर जाता था तो फसल की सुरक्षा के लिए हवाई फार कर देता था। हवाई फायर करते हुए ऐश्वर्य मुझे देखता था। तब उसका बहुत मन होता था कि वो बंदूक चलाए। वह बहुत छोटा था तभी उसे बंदूक पसंद आती थी। वो जब 8-10 साल का था, तब खरगोन मेले में, भगोरिया मेले में जाता था तो वहां बंदूक से गुब्बारे फोड़ने की जिद करता था, उसे वहां से हटाना पड़ता था।

मेले में बंदूक से फोड़े गुब्बारे

बंदूकों से नाता रखने वाला तोमर परिवार खेती-किसानी करता है। राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले वीर बहादुर के परिवार में राइफल और बंदूक जैसे लाइसेंसी हथियार पारंपरिक रूप से रखे जाते हैं। इसके चलते ऐश्वर्य ने ये हथियार बचपन से ही देखे थे। वहीं ऐश्वर्य को बचपन से ही निशाना लगाने का शौक था। वह खेतों में पहुंचकर फसल (भुट्टे, आम) पर निशाना मारता था। आसपास के मेलों में जब भी वह घूमने जाता था, तो उसकी सबसे ज्यादा दिलचस्पी बंदूक से गुब्बारे फोड़ने में ही रहती थी।

ऐश्वर्य का पसंदीदा खेल है क्रिकेट, विराट कोहली हैं फेवरेट क्रिकेटर

ऐश्वर्य खुद एक स्टार शूटर हैं, लेकिन उन्हें क्रिकेट बेहद पसंद है। ग्रामीण बताते हैं कि कभी-कभार ऐश्वर्य शौक से क्रिकेट भी खेलते नजर आ जाते हैं। क्योंकि ऐश्वर्य को क्रिकेट भी पसंद है।
virat kohli
और विराट कोहली के तो वे फैन हैं। ऐश्वर्य को विराट का क्रिकेट के लिए पैशन बेहद पसंद आता है। ऐश्वर्य का कहना है कि वे फंसे हुए मैच निकाल लेने में भी माहिर हैं। ऐसे हालात में उन्होंने कई बार इंडिया को मैच जिताए हैं।

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