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खंडवा

यहां बनेगा पानी पर तैरता हुआ दुनिया का सबसे बड़े सोलर प्लांट

-ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट का सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगा कार्य-600 मेगावॉट की परिजयोजना के पहले चरण में 278 मेगावॉट बिजली का होगा उत्पादन

खंडवाAug 04, 2022 / 12:46 pm

मनीष अरोड़ा

यहां बनेगा पानी पर तैरता हुआ दुनिया का सबसे बड़े सोलर प्लांट

ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट का सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगा कार्य

-खंडवा.
पानी पर तैरता हुआ सौर ऊर्जा का दुनिया में सबसे बड़ा पॉवर प्लांट जल्द ही ओंकारेश्वर में में मां नर्मदा के आंचल में आकार लेगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट को अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम की सहमति मिलने के बाद गुरुवार को इसका एमओयू सरकार द्वारा साइन किया जाएगा। तीन कंपनियों द्वारा पहले चरण में 278 मेगावॉट की क्षमता से सौर ऊर्जा प्लांट को बनाया जाएगा। सितंबर-अक्टूबर 2022 से इसका कार्य आरंभ हो जाएगा। अगले वर्ष से बिजली उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट के स्थानीय प्रभारी खरगोन जिला अक्षय ऊर्जा निगम अधिकार राजेंद्र गोयल ने बताया कि पहले चरण के 278 मेगावॉट क्षमता का अनुबंध गुरुवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में होगा। इसमें एनएचडीसी, एनएनसी सोलर द्वारा एमओयू साइन किया जाएगा। कार्यक्रम सीएम शिवराजसिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर विशिष्ठ अतिथि व नवन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग की अध्यक्षता में होगा। कार्यक्रम में मप्र ऊर्जा विकास निगम अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन के सहयोग से ये योजना लाई गई है। 600 मेगावॉट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट की लागत 3 हजार करोड़ रुपए है। जिसे विश्व बैंक द्वारा अनुमति दी जा चुकी है।
छैगांवमाखन ग्रिड से होगा वितरण
परियोजना ओंकारेश्वर बांध के बैक वॉटर में आकार लेगी। इसके लिए 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा। पैनल पानी की सतह पर तैरते रहेंगे, जल स्तर उपर नीचे होने पर स्वत ही संतुलित होंगे। इन पर तेज लहरों और बाढ़ का भी प्रभाव नहीं होगा। यहां से उत्पादित बिजली मप्र पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन लिमि. के छैगांवमाखन स्थित पॉवर ग्रिड सब स्टेशन पर पहुंचेगी, जहां से इसका वितरण किया जाएा। सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे कार्य भी पूरा हो चुका है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना में 400 मेगावॉट बिजली लेने की सहमति भी बन चुकी है।
प्रदेश का पॉवर हब है खंडवा
4040 मेगावॉट बिजली उपत्पादन के साथ पहलेे से ही खंडवा जिला प्रदेश का पॉवर हब बन चुका है। यहां पन बिजली परियोजनाओं में ओंकारेश्वर बांध से 520, इंदिरा सागर परियोजना से एक हजार मेगावॉट बिजली बन रही है। वहीं, सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट भी 2520 मेगावॉट क्षमता वाला है। अब सोलर प्लांट लगने से 600 मेगावॉट बिजली की

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