राजू पिंडारे के घर लौटने पर माता पिता ही नहीं, बल्कि पूरे शहर में खुशी का माहौल है। राजू के घर लौटने से पहले ही लोगों की भारी भीड़ उससे मिलने और स्वागत करने के लिए घर के बाहर इकट्ठी हो गई थी। घर वापस आने पर इलाके के लोगों ने ढोल नगाड़े बजाकर उसका स्वागत किया तो वहीं, हर कोई उससे मिलने और स्वागत करने की होड़ लगाता नजर आया। साथ ही, खंडवा सपी और कलेक्टर ने भी घर पहुंचकर राजू का सम्मान किया, इस दौरान जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने राजू को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं, राजू की मां ने उसके घर लौटाने में मदद करने वाले हर प्रशासनिक जिम्मेदार का आभार व्यक्त किया है।
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पाकिस्तान की जेल में कैसे गुजरे राजू के पांच साल
राजू को लेने अटारी बॉर्डर पहुंची खंडवा प्रशासन की पांच सदस्यी टीम के सदस्य नर्मदानगर थाना एएसआई महेश श्रीवास्तव ने बताया कि, जैसा राजू ने उन्हें बताया कि, राजस्थान के रास्ते भटक कर वो पाकिस्तान में चला गया था। जहां पाक सेना ने उसे जासूसी के शक में पकड़ लिया। वहां, करीब डेढ़ साल उन्होंने राजू को जेल में काफी प्रताड़ित किया। उसे उलटा लटकाकर बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद बर्फ की सिल पर लेटा दिया जाता। कई कई दिन खाने – पीनों को नहीं दिया जाता। लेकिन, डेढ़ साल बाद जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो उन्होंने वहां की अदालत में पैश कर दिया और फिर कोर्ट ने उसे साढ़े तीन साल की सजा सुना दी। हालांकि, अगले साढ़े तीन साल उसके साथ कोई मारपीट नहीं हुई, उसे खाना-पानी भी दिया गया। साथ ही, समय समय पर सोने भी दिया गया।
जासूसी के शक में क्या था गिरफ्तार
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाला राजू पिंडारे 31 जुलाई 2019 पाकिस्तान के डेरा गाजी खान जिले में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान पुलिस ने उस पर जासूसी के आरोप लगाते हुए कारर्वाई की थी। इसके बाद पाकिस्तानी कोर्ट ने उसे साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी। राजू की वापिसी के लिए उस वक्त तमाम कोशिशे की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली और उसे जेल में पूरी सजा काटनी पड़ी। इस दौरान उसके घर वालों का एक – एक दिन गुजारना दूभर था।
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परिवार को 3 महीने बाद चला था पता
जासूसी के शक में पाकिस्तान पुलिस द्वारा अरेस्ट राजू के बारे में वहां की ख़ुफ़िया एजेंसी की ओर से पूछताछ भी की गई थी। तब वो ठीक ढंग से अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाया था। पाकिस्तान पुलिस उसे राजस्थान का रहने वाली समझ रही थी। बाद में इंटेलिजेंस की मदद से 3 महीने बाद घर वालों को जानकारी लगी कि, उनका बेटा अटारी बोर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान में पहुंच गया है। जहां से पाकिस्तानी पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
कोई विक्षिप्त कैसे कर सकता है जासूसी?
2019 में जब ये मामला सामने आया था, उस वक्त मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी। भील गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजू पिंडारे पर जासूसी के लगे आरोपों पर भी परिवार ने सवाल उठाए थे। घर वालों का कहना था एक बेटी और दो बेटे में सबसे बड़ा राजू है। मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उसकी पत्नी भी घर छोड़कर चली गई। ऐसे हालातों में जब किसी का दिमागी संतुलन ठीक नहीं, तो वो जासूसी कैसे करेगा ? साथ ही, पारिवारिक पृष्ठभूमि के हिसाब से भी परिवार को जासूसी से क्या हासिल होगा ?